नई दिल्ली: राजधानी के नरेला-बवाना इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ओवरब्रिज बनाने का निर्माण 2 साल पहले शुरू किया था. इस निर्माण का अधिकतर काम पूरा हो चुका है लेकिन फ्लाईओवर के बीच के हिस्से को जिसे स्लैब डालकर जोड़ना है वहां दो पेड़ आ रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि दिल्ली सरकार पेड़ काटने की मंजूरी नहीं दे रही है जिसके चलते केंद्र की योजना लटक गई है.
नेता विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
दिल्ली करनाल रेलवे लाइन पर ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है. बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्माण कार्य में रुकावट डाली जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि ये काम सीएम के इशारे पर रुका हुआ है.
दिल्ली में पेड़ों पर युद्ध ! उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर के एक हिस्से को पूरा करने में कुछ पेड़ रास्ते में आ रहे हैं. जिसके चलते स्लैब नहीं डाले जा रहे हैं. केंद्र सरकार के सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी दिल्ली सरकार जानबूझकर पेड़ों को हटाने की अनुमति नहीं दे रही है.
विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत के कार्यालय में पिछले कई महीने से फाइल लटके होने की बात कही. उन्होंने चेतावनी दी थी कि दिल्ली सरकार ने अगर इन पेड़ों को हटाने की मंजूरी नहीं दी तो 9 अक्टूबर से स्थानीय निवासियों के साथ वहां आंदोलन शुरू करेंगे.
उन्होंने बताया कि हटाये जाने वाले पेड़ों के लिए डीडीए ने दिल्ली सरकार को क्षतिपूर्ति करते हुए 30 एकड़ का भूखंड सौंप दिया है. वहां पर नियम के अनुसार एक पेड़ के बदले 10 पौधे लगाने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने काटे जाने वाले पेड़ों के लिए 55 हज़ार प्रति पेड़ का दिल्ली सरकार को भुगतान कर दिया है. बावजूद दिल्ली सरकार राजनीतिक द्वेष भावना के आगे काम करने की अनुमति नहीं दे रही है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि बवाना-नरेला क्षेत्र के विकास के लिए ये एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है. दिल्ली सरकार का इसमें रोड़े अटकाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके निर्माण से व्यस्त अंबाला दिल्ली रेलवे ट्रैक पर नेशनल हाईवे एक से बवाना इंडस्ट्रियल एरिया तक भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम से निजात मिल जाएगी.
बता दें कि बवाना-नरेला इलाके में जो फ्लाईओवर सह रोड ओवरब्रिज तैयार किया जा रहा है, उस पर 378 करोड़ रुपये खर्च होना अनुमानित है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 29 दिसंबर 2017 को इस पुल के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. पुल का निर्माण कार्य अप्रैल 2019 तक पूरा हो जाना था.