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दिल्ली दंगे के एक मामले में उमर खालिद और खालिद सैफी आरोपमुक्त, फिलहाल जेल में ही रहेंगे - Umar Khalid in judicial custody under UAPA

दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले (Delhi riots case) में कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद और खालिद सैफी को आरोपमुक्त करार दिया है. दिल्ली दंगा के दौरान इन आरोपियों पर एक पार्किंग में आग लगाने का आरोप था. हालांकि दंगों में साजिश को लेकर वे UAPA के तहत न्यायिक हिरासत में हैं, जिस कारण वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे.

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Published : Dec 3, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Dec 3, 2022, 7:50 PM IST

नई दिल्लीःदिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले (Delhi riots case) में कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद और खालिद सैफी को आरोपमुक्त करार दिया है. दिल्ली दंगा के दौरान इन आरोपियों पर एक पार्किंग में आग लगाने का आरोप था. इस मामले में कुल 17 लोग आरोपी थे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल की अदालत ने 12 लोगों पर आरोप तय किए हैं. हालांकि, खालिद और सैफी दोनों जेल में ही रहेंगे, क्योंकि दंगों में साजिश को लेकर वे UAPA के तहत न्यायिक हिरासत में हैं.

खालिद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153-ए, 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 और 120-बी के तहत मुकदमा दर्ज की गई थी. इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के नुकसान की रोकथाम के 3 और 4 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 की धाराएं भी जोड़ी गई थी.

यह मामला एक कांस्टेबल के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि 24 फरवरी, 2020 को चांद बाग पुलिया के पास एक बड़ी भीड़ जमा हो गई थी और पथराव शुरू कर दिया था. आरोप है कि जब पुलिस अधिकारी खुद को बचाने के लिए पास की एक पार्किंग में गया, तो भीड़ ने पार्किंग का शटर तोड़ दिया और अंदर मौजूद लोगों की पिटाई की और वाहनों में भी आग लगा दी.

इसके बाद मामला 28 फरवरी, 2020 को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया. एफआईआर में आरोप लगाया गया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की इमारत का इस्तेमाल कथित दंगाइयों द्वारा ईंटें मारने, पथराव करने, पेट्रोल बम फेंकने और एसिड बम फेंकने के लिए किया गया था.

यह भी आरोप लगाया गया था कि उक्त सामग्री इमारत की तीसरी मंजिल और छत पर पड़ी मिली थी. हालांकि, उमर भीड़ का हिस्सा नहीं था, लेकिन उस पर और खालिद पर मामले में आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया था. प्राथमिकी में उमर खालिद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि उसके खिलाफ अधूरी सामग्री के आधार पर उसे सलाखों के पीछे रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह देखते हुए कि मामले की जांच पूरी हो चुकी थी और चार्जशीट भी दायर की जा चुकी थी.

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अदालत ने कहा था कि उसे केवल इस तथ्य के कारण अनंत काल तक जेल में कैद नहीं रखा जा सकता है कि अन्य व्यक्ति जो दंगाई भीड़ का हिस्सा थे, उन्हें मामले में पहचान की जाए और गिरफ्तार किया जाए. इस मामले में कुल 17 लोग आरोपी बनाए गए थे जिनमें से 12 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. वहीं, 5 लोगों को आरोप मुक्त करार दिया है.

Last Updated : Dec 3, 2022, 7:50 PM IST

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