नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना वायरस के मामले जिस तरीके से बढ़ रहे हैं, उससे जेल भी अछूता नहीं रहा है. रोहिणी जेल के अंदर अभी तक 16 कैदी और एक कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. जेलों में तय सीमा से 40 फीसदी से ज्यादा कैदी भरे हुए हैं, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है. जेल प्रशासन का दावा है कि कैदियों को बचाने के लिए उचित प्रबंध किये गए हैं. लेकिन इतने कैदियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना भी अपने आप में बड़ी चुनौती है.
तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए किये जा रहा कोरोना से बचाव के इंतजाम इतने कैदियों को छोड़ा गया
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता एवं एडिशनल आईजी राजकुमार ने बताया कि जेल में जहां 10 हजार कैदियों के रहने की क्षमता है, तो वहीं अभी के समय में लगभग 14 हजार कैदी जेल में रह रहे हैं. लॉकडाउन के बाद से अब तक 3,500 से ज्यादा कैदियों को यहां से छोड़ा जा चुका है. तिहाड़ प्रशासन ने सरकार एवं कोर्ट से संपर्क कर 2,177 कैदियों को अंतरिम बेल पर 45 दिन के लिए जबकि 1,056 सजा पा चुके कैदियों को इमरजेंसी पैरोल पर छोड़ा है. 301 कैदी ऐसे भी छोड़े गए हैं, जो जमानत मिलने पर भी जेल में रह रहे थे. इसके अलावा 39 कैदियों को दिल्ली सरकार से अनुमति के बाद छोड़ा गया है.
किये गए ये विशेष इंतजाम
आईजी राजकुमार के अनुसार जेल में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं. नये कैदियों को जेल में प्रवेश करने के बाद दो विशेष जेल में जबकि महिला कैदी को एक विशेष जेल में 14 दिनों के लिए रखा जाता है. जेल के अंदर प्रवेश करते समय और बाहर निकलते समय कैदियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. अदालतों में कैदियों की पेशी नहीं हो रही है. परिवार के साथ भी मुलाकात बंद कर दी गई है. जेल में प्रवेश करते समय कैदियों के अलावा जेल स्टाफ, सुरक्षाकर्मी और डॉक्टरों की भी जांच की जाती है. कैदियों के वार्ड से बाहर निकलने पर रोक है. किसी भी प्रकार के एनजीओ को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. केवल इमरजेंसी के समय में ही यहां के कैदी को बाहर इलाज के लिए भेजा जा रहा है.
जेल में बन रहे मास्क और सैनिटाइजर
तिहाड़ प्रशासन के अनुसार जेल परिसर को लगातार सैनेटाइज भी किया जा रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए तिहाड़ जेल में ही मास्क, हैंड वाश और सैनिटाइजर बनाए जा रहे हैं. यहां तैनात कर्मचारियों को पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स, अल्कोहल बेस्ड हैंड रब, साबुन मुहैया कराए गए हैं. कैदियों के बीच कोरोना वायरस के फैलने की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है. संदेह होने पर कैदियों के कोरोना टेस्ट भी करवाये जा रहे हैं.