नई दिल्लीः बेहतर सुविधा और जल्द गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोग वंदे भारत ट्रेन को खूब पसंद कर रहे हैं. यही कारण है कि रेलवे वंदे भारत ट्रेन के संचालन को विस्तार दे रही है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द ही दिल्ली से तीन और रूटों पर वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है. इसके साथ ही देश के तीन अन्य रूटों पर भी वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने की तैयारी की जा रही है. जल्द ही ट्रेन के रूट की घोषणा हो सकती है.
दिल्ली से अयोध्या के लिए वंदे भारत ट्रेन:अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रेलवे भक्तों को बड़ी सौगात दे सकता है. सूत्रों के अनुसार रेलवे अयोध्या से दिल्ली के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत करने की तैयारी कर रहा है. 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी हरी झंडी दिखा सकते हैं. गौरतलब है कि 22 जनवरी को बड़ी संख्या में दिल्ली एनसीआर से लोग राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए जा सकते हैं. ऐसे में रेलवे ने अतिरिक्त ट्रेन चलाने की भी तैयारी की है, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो. ट्रेनों के संचालन के संबंध में तैयारियों को देखने के लिए हाल ही में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने लखनऊ और अयोध्या में निरीक्षण भी किया था.
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वाराणसी से नई दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन: नई दिल्ली से वाराणसी के बीच पहली वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हुआ था. अब विभिन्न रूटों पर 34 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक वाराणसी से नई दिल्ली के लिए एक और वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी. 17 दिसंबर से इस ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे हरी झंडी दिखा सकते हैं. यह ट्रेन सुबह 6 बजे वाराणसी से चलेगी और दोपहर दो बजे दिल्ली पहुंचेगी. दोपहर तीन बजे वाराणसी के लिए वापसी करेगी.
दिल्ली से मुंबई के लिए वंदे भारत ट्रेन:देश की पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेनभी मुंबई से दिल्ली के बीच चलाने की संभावना है. दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रेनों की औसत गति फिलहाल 80 से 100 किमी प्रतिघंटा है. ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए ट्रैक को मजबूत करने और दोनों तरफ दीवार बनाने का काम चल रहा है. करीब पांच साल पहले मुंबई से दिल्ली के बीच 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए 'मिशन रफ्तार' परियोजना की शुरुआत हुई थी. 1,478 रूट किमी और 8 हजार करोड़ रुपये के इस प्रॉजेक्ट के 90 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरे हो चुके हैं. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, 2024 में मई तक यहां स्पीड ट्रायल किए जा सकते हैं.