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कड़ी सुरक्षा के बीच 21 स्ट्रांग रूम्स में कैद है प्रत्याशियों की किस्मत, बढ़ी धड़कनें

चुनाव के बाद जब ईवीएम मशीनें स्ट्रांग रूम में आती हैं तब इसकी बिजली काट दी जाती है. इस कमरे में निगरानी के लिए 12 एंपियर से कम करंट वाले कैमरे लगाए जाते हैं जिन्हें बैटरी से चलाया जाता है. डिस्ट्रिक्ट के इलेक्शन ऑफिसर से अलग रिटर्निंग ऑफिसर की भी जिम्मेदारी होती है कि वह मशीनों की सुरक्षा का ख्याल रखें.

Double Layer Security at Counting Centers - Tanvi Garg
काउंटिंग सेंटर्स पर डबल लेयर सिक्योरिटी- तन्वी गर्ग

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Published : Feb 10, 2020, 11:05 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. दिल्ली के सभी 13751 पोलिंग बूथों पर लगाई गई ईवीएम मशीनों में दिल्लीवासियों के वोट कैद हैं और इन्हें 21 स्ट्रांग रूम्स यानि काउंटिंग सेंटर्स पर रखा गया है. इन जगहों की सुरक्षा अब चुनाव आयोग की अहम जिम्मेदारी है जिसके लिए इंतजाम भी किए गए हैं.

काउंटिंग सेंटर्स पर डबल लेयर सिक्योरिटी- तन्वी गर्ग

दरअसल काउंटिंग सेंटर्स पर सुबह 8:00 बजे से मतगणना यानि वोटों की गिनती शुरू होगी. गिनती से पहले उन्हें चुनाव अधिकारी तक देखने के लिए अधिकृत नहीं होते. यहां तक कि जिस कमरे में इन मशीनों को रखा जाता है उसमें बत्ती तक गुल कर दी जाती है.

नई दिल्ली की डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर तन्वी गर्ग ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ईवीएम मशीनों की सुरक्षा चुनाव आयोग की प्राथमिकताओं में से एक है. जितना जरूरी सफल चुनाव कराना है उतना ही जरूरी लोगों के मतों को संभाल कर रखना है.

इसके लिए जहां पर यह मशीनें रखी जाती हैं वहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. अभी के समय में सभी काउंटिंग सेंटर्स पर डबल लेयर सिक्योरिटी है जिसमें 1 लेयर पुलिस जबकि दूसरी पैरामिलिट्री फोर्सेस की है.

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