नई दिल्ली:15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास रचने जा रहा है. जेएनयू में बॉयज और गर्ल्स एनसीसी के कैडेट पहली बार जेएनयू के कुलपति प्रो. एम. जगदीश कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे. ईटीवी भारत ने गार्ड ऑफ ऑनर देने वाले एनसीसी के कुछ कैडेट से बात की. सभी जज्बा देश की सेवा करने का है और सभी सेना में शामिल होना चाहते हैं.
NCC कैडेट हार्दिक नेगी का बचपन से सपना सेना में शामिल होने का रहा है. वह जेएनयू में एनसीसी कैडेट की शुरुआत होने से काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि यह उनके लिए एक ऐतिहासिक का पल है. वहीं जेएनयू एनसीसी कैडेट विकास पालीवाल ने कहा कि जेएनयू में इस तरह का कार्यक्रम एक ऐतिहासिक कदम है. जिस तरह से नई शिक्षा नीति में NCC को अहम दर्जा मिला है, विश्वविद्यालयों में एनसीसी को चुनने का अवसर मिलना एक ऐतिहासिक कदम है. उससे सेना में अपना कैरियर बनाने की चाह रखने वाले छात्रों के लिए यह सुनहरा अवसर है. विकास भी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं.
JNU की NCC कैडेट में लड़कियों की संख्या दोगुनी वहीं एनसीसी कैडेट पूजा ने कहा कि जेएनयू में जब वर्ष 2019 में लड़कियों के लिए एनसीसी की शुरुआत हुई थी. वह बहुत दिनों से जेएनयू में एनसीसी की शुरुआत होने का इंतजार कर रही थीं. उन्होंने कहा कि वह पहले बैच में शामिल हुईं थीं और पहले ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने का मौका मिला था, वह ऐतिहासिक पल आज भी याद है. पूजा का सपना आर्मी ऑफिसर बनने का है, वह इसके लिए लगातार मेहनत कर रही हैं.
रिहर्सल करती JNU की NCC कैडेट वहीं एनसीसी कैडेट कशिश कुंदन ने कहा कि जेएनयू के जो छात्र सेना में शामिल होना चाहते थे, वह लंबे समय से एनसीसी का इंतजार कर रहे थे. इसके अलावा एनसीसी कैडेट विक्रम सिंह ने कहा कि पिता सेना में है और पिता की तरह वह भी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं.
रिहर्सल करती JNU की NCC कैडेट वहीं जेएनयू में एनसीसी शुरू करने को लेकर ईटीवी भारत ने जेएनयू के रेक्टर थ्री प्रोसेसर राणा प्रताप सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में सबसे पहले लड़कियों के लिए एनसीसी की शुरुआत हुई थी उसके अगले वर्ष, वर्ष 2020 में लड़कों के लिए भी एनसीसी की शुरुआत कर दी गई. मौजूदा समय में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या अधिक है. ये बात देखने में आई है कि जेएनयू के छात्रों में एनसीसी ज्वाइन करने के लिए कंपटीशन बढ़ गया है. लेकिन सीट सीमित हैं, इस लिए एक प्रक्रिया के तहत कैडेट का चयन किया जाता है.