नई दिल्ली: एससीआई की तरफ से रविवार को इंडिया गेट पर चौथे विश्व स्पाइनल कॉर्ड इंजरी दिवस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 200 से ज्यादा दिव्यांगों ने व्हीलचेयर रैली निकाली. साथ ही मैसेज दिया कि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बाद भी जीवन खत्म नहीं होता है. आप उसे उतनी ही खुशी के साथ जी सकते हैं, जितनी पहले जीते थे. जिंदगी जीने का जज्बा कभी छोड़ना नहीं चाहिए.
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी दिवस का आयोजन बता दें कि इस रैली को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रवाना किया. इस रैली में 200 दिव्यांगों ने इंडिया गेट से विजय चौक तक मार्च किया.
'कभी उम्मीद नहीं हारनी चाहिए'
इस कार्यक्रम के आयोजक हरिंदर सिंह छाबड़ा ने ईटीवी भारत को बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के प्रति लोगों को जागरूक करना हैं और लोगों को समझाना कि इस तरह की इंजरी के बाद भी आपका जीवन खत्म नहीं होता है. उन्होंने बताया कि व्हीलचेयर पर आने के बाद भी जीवन जीना कभी खत्म नहीं होता है. बस आपको हिम्मत नहीं हारना चाहिए और आपको अपना जीवन पूरी हिम्मत के साथ जीना चाहिए और कभी उम्मीद नहीं हारनी चाहिए.
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी दिवस का आयोजन उन्होंने बताया कि हम लोग अपने इस कार्यक्रम की मदद से लोगों को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के प्रति जागरूक करना चाहते है. साथ ही यह बताना चाहते हैं कि व्हीलचेयर पर आने के बाद भी जिंदगी समाप्त नहीं हो सकती आप बहुत कुछ कर सकते हैं.
'सबसे ज्यादा युवा स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित'
छाबड़ा ने भारत सरकार द्वारा हाल ही में किए गए ट्रैफिक नियमों के बदलाव का समर्थन किया और कहा ट्रैफिक नियमों में सख्ती करने से अगर 10 प्रतिशत भी रोड एक्सीडेंट में कमी आती है तो उससे बेहतर कोई चीज नहीं है क्योंकि आज भारत में सबसे ज्यादा युवा स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित है. वह भी रोड एक्सीडेंट के चलते. उन्होंने कहा कि अगर रोड एक्सीडेंट में कमी आती है, इन कड़े नियमों से तो इन्हें जरूर लागू करना चाहिए लंबे समय के लिए.