नई दिल्ली:राजधानी में आयोजित 42वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का सोमवार, 27 नवंबर को अंतिम दिन है. प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 2 के उत्तर प्रदेश पवेलियन में 2 लाख 25 हजार रुपए की साड़ी, ट्रेड फेयर में सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. उत्तर प्रदेश से आये साड़ी निर्माता मोहम्मद ताबिश ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि मुगलों के समय से उनके पूर्वज इस तरह की साड़ी बनाते आए हैं. वैसे तो उनके एक अन्य स्टॉल पर पांच हजार रुपये से लेकर 75 हजार रुपये तक की साड़ियां मौजूद हैं, लेकिन ये सवा दो लाख रुपये की साड़ी की बात कुछ अलग है. वे मेले में ऐसी कुल चार साड़ियां लाए थे, जिनमें से तीन तो बिक भी चुकी हैं.
क्यों है खास:ताबिश ने बताया कि इसको रेशम के सूत से बनाया गया है और कढ़ाई गोल्ड प्लेटेड जरी से की गई है. इसके महंगे होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इसको बनाने में करीब तीन महीने का समय लगता है, जिसके चलते मजदूरी ज्यादा देनी पड़ती है. वहीं साड़ी को वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए साल में एक बार धूप दिखाना बहुत जरूरी होता है, नहीं तो इसमें कीड़े लग सकते हैं जो साड़ी को खाना शुरू कर देते हैं.
इसका कारण यह है कि इसको रेशम के कीड़े के निर्मित सूत से बनाया जाता है. अगर इसको हर छह महीने में धूप न दिखाई जाए तो इसमें कीड़े पनप सकते हैं. साथ ही हर बार पहनने के बाद इसे ड्राई क्लीन कराना भी बहुत जरूरी है, ताकि यह लंबे समय तक इस्तेमाल की जा सके.