नई दिल्ली: विश्व लूपस दिवस के मौके पर साकेत के मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की मेडिकल टीम की ओर से विश्व भर में तेजी से फैल रही बीमारी SLE (सिस्टेमेटिक लुपुस इरेथेमेटोसस) को लेकर जागरुकता कार्यक्रम किया गया.
लगभग 16 साल पहले मेडिकल भातृत्व ने हर साल विश्व लुपुस डे मनाने का फैसला लिया था ताकि इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके. हर साल एक अलग थीम के साथ मनाए जाने वाले इस दिन को इस बार खास थीम दिया गया था. इस वर्ष लुपुस से पीड़ित मरीजों को भावनात्मक सहारा देना और इस बीमारी को लेकर ज्यादा से ज्यादा क्लिनिकल ट्रायल्स देना रहा.
इसी प्रयास में साकेत के मैक्स सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ नेफरोलॉजी की ओर से इस बीमारी के अपडेट को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर देश भर से मशहूर और वरिष्ठ नेफरोलोजिस्ट पहुंचे थे, जिसका लाइव स्ट्रीम देश के अन्य हिस्सों में भी किया गया.
इस मौके पर लुपुस नेफरिटिस बीमारी पर मैक्स सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के नेफरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के चेयरमैन डॉ दिनेश खुल्लर की ओर से लिखी गई किताब को लांच किया गया. इस किताब देश के टॉप नेफरोलॉजिस्ट की ओर से भी अध्याय जोड़े गए हैं.
विश्व लूपस दिवस: साकेत मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों का जागरुकता कार्यक्रम ये हैं बीमारी के संकेत
बता दें कि SLE मुख्य तौर पर महिलाओं में प्रसव के दौरान होने वाली बीमारी है. जानकारी के मुताबिक विश्व भर में लगभग 50 लाख लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं.
विश्व लूपस दिवस: साकेत मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों का जागरुकता कार्यक्रम इस बीमारी में शरीर का लगभग हर अंग इसकी चपेट में आ सकता है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर के खिलाफ कार्य करना शुरू कर देती है. इस बीमारी में त्वचा ही सबसे पहले चपेट में आती है. इस बीमारी में चेहरे, मुंह पर लाल चकत्ते हो जाते हैं. साथ ही बालों का झड़ना, जोड़ों में दर्द, लिवर, दिल और दीमाग पर भी गंभीर असर डालता है.