नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस द्वारा साकेत कोर्ट में पेश किए गए 6629 पेज के आरोप पत्र पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है. इस दौरान आरोपी आफताब पूनावाला को ऑन कैमरा पेश किया गया. वहीं किसी भी मीडियाकर्मी को कोर्ट रूम में दाखिल नहीं होने दिया गया. कोर्ट आरोप पत्र के पुनरीक्षण के बाद 21 जनवरी को इस मामले में सुनवाई करेगा. इससे पहले 24 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला की अदालत में आरोप पत्र पेश किया था.
अब इस मामले में कोर्ट ने आरोपी आफताब को वकील बदलने की अनुमति दे दी है. पुलिस ने इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए एक पैरवी टीम का गठन किया है, जिसको दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली पुलिस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित प्रसाद लीड करेंगे. आरोप पत्र में आरोपी आफताब और मृतक श्रद्धा का मोबाइल, लैपटाप, दोनों के सोशल मीडिया के खातों की जांच, काल रिकॉर्ड विवरण, जीपीएस लोकेशन, क्रेडिट कार्ड व अन्य माध्यमों से हुए भुगतान का विवरण और श्रद्धा के दोस्तों और आफताब के दोस्तों से पूछताछ आदि को लिया गया है. आफताब के नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफी टेस्ट और डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद आरोप पत्र तैयार किया गया और कोर्ट में दाखिल किया गया है.
इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में पुलिस ने दो धाराएं लगाई हैं, जिनमें धारा 302(हत्या) और धारा 201(सुबूत मिटाना) लगाई गई है. आरोपी को अधिकतम मौत की सजा और न्यूनतम उम्रकैद हो सकती है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या इसलिए की थी कि वह वारदात वाले दिन अपने एक दोस्त से मिल कर आई थी. जब वह घर आई तो दोनों में विवाद हुआ इसके बाद आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी.