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रविदास मंदिर विवाद: AAP ने कहा, कोर्ट में BJP का झूठ हुआ बेनकाब

रविदास मंदिर मुद्दा सुलझता दिख रहा है, लेकिन इस पर राजनीति अभी भी नहीं थम रही. केंद्र सरकार ने रविदास मंदिर के लिए जमीन देने को लेकर हामी भर दी है. इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई.

रविदास मंदिर मुद्दे पर AAP ने की प्रेस कॉफ्रेंस

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Published : Oct 19, 2019, 8:28 PM IST

नई दिल्ली:रविदास मंदिर मुद्दे को लेकर बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने मंदिर के लिए 200 मीटर जगह देने की बात कही थी. इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भाजपा पर निशाना साधा.

रविदास मंदिर मुद्दे पर AAP ने की प्रेस कॉफ्रेंस

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कही गई केंद्र सरकार की बात से स्पष्ट होता है कि मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता ने जो बात कही थी वह झूठ था. उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता लगातार कहते रहे कि इस मुद्दे का समाधान दिल्ली सरकार कर सकती है, लेकिन हम शुरू से कह रहे थे कि इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है और केंद्र सरकार जमीन को डिनोटिफाई करके इसका समाधान कर सकती है.

'मैंने प्रधानमंत्री को लिखा खत'
राजेंद्र पाल गौतम ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर मैंने प्रधानमंत्री से लेकर डीडी के उपाध्यक्ष तक को पत्र लिखा, भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया, लेकिन अब ये जमीन देने की बात कर रहे हैं. राजेंद्र पाल गौतम ने यह भी कहा कि देर आए दुरुस्त आए, हम इनका धन्यवाद करते हैं.

हालांकि, धन्यवाद के बाद भी राजेंद्र पाल गौतम ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि ये चाहते तो उसी समय मंदिर टूटने से बचा सकते थे. उसके बाद न तो आंदोलन होता, न निर्दोष लोग लाठियां खातें और न ही निर्दोष लोग जेल में होते.

'केंद्र सरकार केस वापस लें'
आम आदमी पार्टी के विधायक अजय दत्त ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी बताए कि 21 तारीख के आंदोलन के बाद जिन निर्दोष लोगों को जेल में ठूंस दिया गया, जिनके प्रति अत्याचार हुआ, उनकी जिंदगी के 2 महीने कौन देगा. उनका हर्जाना कौन देगा. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार उनके केस वापस लें.

गौरतलब है कि रविदास मंदिर तोड़े जाने के बाद दिल्ली सहित पूरे देश भर में इसके खिलाफ आंदोलन हुआ था. भारी संख्या में संत रविदास में आस्था रखने वाले लोग दिल्ली की सड़कों पर उतरे थे. अब केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए जमीन देने की हामी भरने के बाद भी इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमता नहीं दिख रहा है.

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