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सेवानिवृत्त अधिकारियों को फ्लैट खाली करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने भेजा नोटिस - Public Works Department

दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों से सेवानिवृत्त होने के बावजूद सरकारी फ्लैट को खाली नहीं करने वाले अधिकारियों को बेदखली आदेश जारी करते हुए चेतावनी दी है कि अगर वह नोटिस के हिसाब से फ्लैट खाली नहीं करते हैं तो उन्हें उनके सामान के साथ फ्लैट से बाहर निकाल दिया जाएगा.

Orders for payment of dues to retired officers
सेवानिवृत्त अधिकारियों को देनदारी का भुगतान करने के आदेश

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Published : Mar 10, 2020, 2:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार से सेवानिवृत्त होने के बावजूद सरकारी आवास में रह रहे अधिकारियों के खिलाफ लोक निर्माण विभाग कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. विभाग ने ऐसे 87 सेवानिवृत्त अधिकारियों को फ्लैट खाली करने का नोटिस भेजा है.

सेवानिवृत्त अधिकारियों को देनदारी का भुगतान करने के आदेश
सेवानिवृत्त अधिकारियों को देनदारी का भुगतान करने के आदेशदिल्ली सरकार की तरफ से 87 सेवानिवृत्त अधिकारियों और अवैध रूप से रह रहे लोगों को सरकारी आवास तुरंत खाली करने और करीब 4 करोड़ रुपये की देनदारी का भुगतान करने का आदेश दिया है.

बेदखली और सामान के साथ बाहर निकालने की चेतावनी

दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों से सेवानिवृत्त होने के बावजूद सरकारी फ्लैट को खाली नहीं करने वाले अधिकारियों को बेदखली आदेश जारी करते हुए चेतावनी दी है कि अगर वह नोटिस के हिसाब से फ्लैट खाली नहीं करते हैं तो उन्हें उनके सामान के साथ फ्लैट से बाहर निकाल दिया जाएगा.

27 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने टाइप वन फ्लैट पर जमाया है कब्जा
27 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने टाइप वन फ्लैट पर कब्जा कर रखा है. विभाग ने उन्हें 58.16 लाख रुपये की देनदारी जमा करने को कहा है. विभाग ने इन 87 सेवानिवृत्त अधिकारियों से करीब 3.98 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है.

सेवानिवृत्त अधिकारियों ने टाइप 2 फ्लैट खाली नहीं किया है और उन्हें 2.19 करोड़ रुपये का बकाया देने को कहा गया है. 11 अनधिकृत निवासी ऐसे हैं जिन्होंने टाइप 3 फ्लैट पर कब्जा कर रखा है और उन्हें तुरंत आवास खाली करने और 1.2 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से शहरी आवास विभाग को अनधिकृत रूप से 550 फ्लैट्स पर सेवानिवृत्त अधिकारियों के कब्जा जमाए रखने पर फटकार लगाई थी. उसके बाद लोक निर्माण विभाग ने यह कदम उठाया है. पिछले महीने लोक निर्माण विभाग ने सभी सरकारी आवासों पर जाकर सर्वे किया था जिसमें यह पता लगाया गया कि दिल्ली के सरकारी आवासों में कितने लोग गैरकानूनी रूप से रह रहे हैं. इस सर्वे के तहत अधिकारियों को रिपोर्ट जमा करनी थी.

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