अब इसे लेकर कुछ समाजसेवी संस्थाओं के लोग 3 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को एक अध्यात्मिक गुरु भी इनकी इस मुहिम में शामिल हो गए. मांग की जा रही है कि मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर शहीदों के नाम पर रख दिया जाना चाहिए.
गाजियाबाद में कलेक्ट्रेट परिसर पर एक धरना चल रहा है. मांग की जा रही है कि नए बस अड्डे मेट्रो स्टेशन क नाम उन शहीदों के नाम पर रख दिया जाना चाहिए. जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. पिछले 3 दिनों से यह धरना चल रहा है. अभी तक इनकी मांग नहीं मानी गई है. लिहाजा अपनी मुहिम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की यह कोशिश कर रहे हैं.
'शहीदों के नाम पर हो मेट्रो स्टेशन' 'मेट्रो स्टेशन अब शहीदों के नाम पर'
रविवार को इसी धरने के स्थल पर अध्यात्म गुरु पवन सिन्हा भी पहुंचे. गुरु पवन सिन्हा ने कहा है कि यह एक सामान्य सी मांग है. अट्ठारह सौ सत्तावन से लेकर देश की आजादी तक ऐसे बहुत सारे वीर जवान रहे हैं जिन्होंने अपनी शहादत देश की आज़ादी के नाम की है और नए बस अड्डे के पास शहीद स्मारक भी है. जहां पर हमेशा शहीदों को नमन किया जाता रहा है लेकिन सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए कि नए बस अड्डे की जगह इस मेट्रो स्टेशन का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस विषय का ज्ञापन भी डीएम को सौंपा गया है लेकिन अब तक मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है.
बढ़ सकती है प्रशासन की चिंता
आपको बता दें कि नए बस अड्डे से दिल्ली के दिलशाद गार्डन तक चलने वाली मेट्रो की लाइन करीब 9 किलोमीटर लंबी है और माना जा रहा है कि 1 हफ्ते के भीतर ही इसका उद्घाटन हो सकता है. इस लाइन पर सभी काम पूरा हो चुका है. यह मेट्रो लाइन रेड लाइन के नाम से ही जानी जाएगी. आगामी 5 फरवरी को मेट्रो के अधिकारी इसका निरीक्षण भी करने आ रहे हैं लेकिन उससे पहले इस तरह की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन होना प्रशासन की चिंता जरूर बढ़ाता है.