नई दिल्लीः स्पेशल सेल की साइबर सेल ने हाल ही में दो कॉल सेंटर में छापा मारकर लगभग 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल एवं अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं. यह भी साफ है कि आरोपी कॉल कर विदेशी लोगों के साथ ठगी कर रहे थे. लेकिन इसके बावजूद इन आरोपियों को सजा दिलाना पुलिस के लिए आसान नहीं होगा. इसकी सबसे बड़ी वजह पीड़ित लोगों का नहीं होना है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय की टीम ने बीते सप्ताह ठगी करने वाले दो बड़े कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था. इनमें से एक कॉल सेंटर मोती नगर इलाके में जबकि दूसरा पीरा गढ़ी इलाके में चल रहा था. दोनों कॉल सेंटर से लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें कई युवतियां भी शामिल हैं.
पुलिस के समक्ष आरोपियों ने खुलासा किया कि वह 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. इस काम को दुबई में बैठा उनका सरगना अंजाम दे रहा था. इस काम के लिए उन्हें न केवल मोटा वेतन बल्कि इसके साथ कमीशन भी मिल रहा था.
अपराध साबित करने के लिए पीड़ित नहीं
इस मामले में पुलिस के पास जालसाजी से संबंधित कई अहम साक्ष्य हैं. लेकिन अभी तक पुलिस के पास ऐसा कोई शख्स नहीं है जिसके साथ ठगी की गई है. अपराध साबित करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. ऐसा देखने में आता है कि इस तरह के मामलों में विदेशी पीड़ित ने शिकायत नहीं की होती. अगर शिकायत होती भी है तो वह अपने देश में इसकी शिकायत करते हैं.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में साइबर सेल दूतावास के जरिए पीड़ित लोगों से उनकी लिखित शिकायत लेने की कोशिश करेगी. अगर उन्हें इस तरह से शिकायत लेने में कामयाबी मिलती है, एवं कोई पीड़ित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने साथ हुआ अपराध अदालत को बता दे, तो यह केस मजबूत हो जाएगा. हालांकि ऐसा होना उन्हें भी काफी मुश्किल लगता है.