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हिमाचल से दिल्ली पहुंचा पेंटेड स्टॉर्क पक्षियों का झुंड, खातिरदारी में जुटा चिडियाघर प्रशासन - माइकटेरिया ल्यूकोसिफाला

दिल्ली के चिड़ियाघर में पेंटेड स्टॉर्क पक्षीयों का आगमन शुरू हो गया है. रंग बिरंगे पक्षियों के कलरव को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

दिल्ली चिड़ियाघर में पेंटेड स्टॉर्क etv bharat

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Published : Aug 12, 2019, 11:47 PM IST

नई दिल्ली: चिड़ियाघर में मौसम के बदलने के साथ ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. इन रंग-बिरंगे पक्षियों के आने से चिड़ियाघर में स्थित तालाब की रौनक में चार चांद लग गया है. चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक अब तक लगभग 200 प्रवासी पक्षी पेंटेड स्टॉर्क आ चुके हैं. बता दें कि हर साल यह प्रवासी पक्षी दिल्ली चिड़ियाघर में मध्य अगस्त और सितंबर माह में आते हैं.

दिल्ली चिड़ियाघर में पेंटेड स्टॉर्क

मछली, कीड़े, मेंढक और सांप खाते हैं ये पक्षी
पड़ोसी राज्यों से आने वाली पक्षी पेंटेड स्टॉर्क दिल्ली चिड़ियाघर में तालाब पर अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है. वहीं मेहमानों की खातिरदारी करने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. लगातार बढ़ती पेंटेड स्टॉर्क की संख्या को देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने इनके लिए विशेष खाने की व्यवस्था की है. ये पक्षी खाने में मछली, कीड़े, मेंढक और सांप खाते हैं. बता दें कि चिड़ियाघर में स्थित तालाब पर प्रवासी पक्षी पेंटेड स्टॉर्क के आने से रौनक बढ़ गई है. जो कि अब दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.


हिमाचल के कुफरी से आते हैं ये पक्षी
वहीं इन प्रवासी पक्षियों को लेकर दिल्ली चिड़ियाघर क्यूरेटर रियाज खान ने बताया कि यह प्रवासी पक्षी हिमाचल के कुफरी से आते हैं. उन्होंने कहा कि वहां ठंड बढ़ जाने के कारण यह पक्षी दिल्ली की ओर रुख करते हैं. जिसमें की अब तक करीब 200 से अधिक पेंटेड स्टॉर्क आ चुके हैं. खान ने बताया कि यह चिड़ियाघर के जलाशयों के पास इन प्रवासी पक्षियों का कलरव देखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि हर साल प्रवासी पक्षी पेंटेड स्टॉर्क 15 अगस्त के बाद ही आते थे लेकिन इस साल यहां पहले आ गए हैं.

श्रीलंका चीन और दक्षिण पूर्वी एशिया में भी पाये जाते हैं
पेंटेड स्टॉर्क का वैज्ञानिक नाम माइकटेरिया ल्यूकोसिफाला है. यह पक्षी भारत के अलावा श्रीलंका चीन और दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में भी पाये जाते हैं. यह पक्षी अधिकांश समय बिना हिले-डुले पानी में एक जगह खड़े रहते हैं.

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