नई दिल्ली: देश में बह रही राजनीतिक बयार की हवा अब दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंच चुकी है. जिस तरह भाजपा को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए तमाम राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं. उसी तरह डीयू कैंपस में होने वाले छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी को हराने के लिए तमाम विपक्षी दलों के छात्र संगठनों के एक होने के आसार है.
लेफ्ट छात्र संघठनों में बातचीत का दौर जारी है. अगर ऐसा होता है तो एबीवीपी को छात्र संघ के चुनाव में कड़ी टक्कर मिल सकती है. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में सितंबर में छात्र संघ के चुनाव होंगे. इस साल कैंपस में करीब तीन साल बाद चुनाव होंगे. आइए जानते हैं कि इस चुनावी गहमागहमी में क्या कहते हैं छात्र संगठन...
गठबंधन पर एसएफआई ने नहीं लिया निर्णय: दिल्ली एसएफआई यूनिट के कनवीनर अमन ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति अलग है और छात्र राजनीति अलग है. छात्र राजनीति कॉलेज में छात्रों की समस्या को सुलझाने के लिए होती है. एबीवीपी और एनएसयूआई में एक समानता है और अभी एनएसयूआई ने एबीवीपी के खिलाफत या साथ चलने का फैसला नहीं किया है. यह कहना अभी मुश्किल होगा कि एनएसयूआई छात्र संघ के चुनाव में गठबंधन को लेकर खड़ा होगा. अमन ने कहा कि एसएफआई, आइसा, सीयाईएसएस जैसे संगठन एक होंगे और इस पर बातचीत भी चल रही है. एनएसयूआई को अगर साथ आना है तो उनको अपनी राजनीति बदलनी होगी.
बैठक में चर्चा करेगी एनएसयूआई:एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरिफ ने बताया कि अभी 10 दिनों में एनएसयूआई कार्यकारिणी की बैठक होनी है. बैठक में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन और राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार होंगे. इसमें छात्र संघ चुनाव को लेकर शीर्ष नेतृत्व फैसला करेगी. बैठक में लेफ्ट छात्र संगठन के साथ गठबंधन को लेकर भी चर्चा की जाएगी. बैठक के बाद तय होगा कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे या फिर गठबंधन के साथ आगे बढ़ेंगे.