नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू किया है. अब ऑड ईवन के अब बस तीन दिन बाकी रह गए हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि इस दौरान प्रदूषण के स्तर में जिस तरह गिरावट होनी चाहिए थी वो नहीं हुई. सरकार को उम्मीद के अनुरूप क्रेडिट भी नहीं मिल सका.
ऑड-ईवन के अब 2 दिन बचे हैं, ना प्रदूषण घटा, ना अच्छा रिस्पॉन्स मिला! - odd even scheme
इससे पहले साल 2016 में जनवरी और अप्रैल महीने में एक-एक पखवाड़े तक के लिए ऑड-ईवन लागू किया गया था. उस दौरान प्रदूषण से तो कुछ हद तक, मगर ट्रैफिक जाम की समस्या से पूरी तरह निजात मिल गई थी
इससे पहले साल 2016 में जब परिवहन मंत्री गोपाल राय थे तो उनके नेतृत्व में जनवरी और अप्रैल महीने में एक-एक पखवाड़े तक के लिए ऑड-ईवन लागू किया गया था. उस दौरान प्रदूषण से तो कुछ हद तक लेकिन ट्रैफिक जाम की समस्या से पूरी तरह निजात मिल गई थी. दिल्ली के लोगों के लिए भी ये पहला मौका था, जब उन्होंने सरकार के ऑड ईवन का साथ दिया और इसे सफलता मिली.
मगर इस बार चुनावी साल में केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन के लिए जो समय चुना, शुरू के 2 दिन को छोड़ दें तो 6 नवंबर के बाद किसी भी दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य नहीं रहा. नतीजा लोगों में ऑड इवन के प्रति दिलचस्पी नहीं रही. जुर्माने से बचने के लिए ही लोग इसे फॉलो कर रहे हैं. 11 व 12 नवंबर को गुरु नानक जी की 550 वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिल्ली सरकार ने योजना को लागू नहीं किया उसके बाद अब 2 दिन ही बचे हैं.