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जानिए क्यों, NGT ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार

हरियाणा सरकार ने 23 जनवरी 2020 को वन भूमि को गैर वन गतिविधियों में बदलने का प्रस्ताव किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि वन और पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद वन को होने वाले नुकसान के एवज में कुल 31 करोड़ 33 लाख रुपये मुआवजे़ के तौर पर जमा किये जाएंगे.

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Published : Feb 6, 2020, 10:04 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 10:50 PM IST

NGT reprimanded Haryana government
NGT ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली:नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने सोहना के मंडावर गांव में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का ट्रेनिंग केंद्र बनाने के लिए 260 एकड़ वन भूमि पर अनाधिकृत निर्माण कार्य चलाने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि इस प्रक्रिया में कानून की धज्जियां उड़ाई गई. एनजीटी ने हरियाणा के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वो इस संबंध में जिम्मेदारी तय करें.

मुख्य वन संरक्षक की रिपोर्ट पर आदेश दिया
एनजीटी ने ये आदेश पंचकूला के मुख्य वन संरक्षक पंचकूला की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने 23 जनवरी 2020 को वन भूमि को गैर वन गतिविधियों में बदलने का प्रस्ताव किया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वन और पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद वन को होने वाले नुकसान के एवज में कुल 31 करोड़ 33 लाख रुपये मुआवजे़ के तौर पर जमा किये जाएंगे. पहले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने सीआईएसएफ द्वारा बिना अनुमति वन की भूमि को गैर वन गतिविधि के इस्तेमाल के लिए पेड़ काटने पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि ये याचिका मानेसर निवासी राम अवतार ने दायर की है. याचिका में अरावली फॉरेस्ट में अनाधिकृत निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि जिस भूमि पर अवैध निर्माण हो रहा है वो पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट की धारा 4 और 5 के तहत नोटिफाई किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस भूमि को वन भूमि के रुप में संरक्षित करने का आदेश दिया है.

Last Updated : Feb 6, 2020, 10:50 PM IST

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