नई दिल्ली: केन्द्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक आगामी 22 मई से दिल्ली के तीनों नगर निगम एक हो जाएंगे. दिल्ली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख दर्ज होने जा रही है. इस तारीख से दिल्ली के अंदर एकीकृत नगर निगम अपने अस्तित्व में वापस आने जा रही है. तीनों निगमों के एकीकृत हो जाने के बाद नए सिरे से संपत्ति कर, पार्किंग शुल्क और विभिन्न लाइसेंस शुल्क की नई दरें तय की जाएंगी. जिसका असर प्रत्यक्ष रूप से दिल्लीवासियों की जेब पर पड़ेगा.
निगमों के एकीकरण के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली नगर निगम की प्रशासनिक कार्रवाई को भलीभांति चलाने के लिए विशेष अधिकारी के साथ कमिश्नर की नियुक्ति करेगा. एकीकृत नगर निगम में होने वाले बड़े बदलावों में सीधे तौर पर निर्णय लेने का अधिकार गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त विशेष अधिकारी के पास होगा. तीनों निगमों में संपत्ति कर और विभिन्न लाइसेंस के लिए शुल्क की अलग-अलग दरें हैं. ऐसे में एकीकृत निगम के नए सिरे से गठन के बाद संपत्ति कर से लेकर पार्किंग शुल्क सहित विभिन्न लाइसेंस शुल्क नए सिरे से तय किए जाएंगे.
ऐसे में इस बात की भी पूरी संभावना है कि नई दरें पहले के मुकाबले अधिक हों. जिसका सीधे तौर पर असर दिल्ली के नागरिकों की जेब पर पड़ेगा. उन्हें पहले के मुकाबले अतिरिक्त टैक्स भरना पड़ सकता है. यानी पहले से ही महंगाई की मार से जूझ रहे दिल्ली के लोगों को अतिरिक्त मार पड़ सकती है. नॉर्थ एमसीडी से रिटायर हो चुके मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता ने फोन पर हुई बातचीत में जरूरी जानकारी देते हुए बताया कि विशेष अधिकारी की नियुक्ति के बाद सबसे पहला काम, निगम के अंतर्गत आने वाले विभागों के अध्यक्षों की नियुक्ति करना होगा.