दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

एकीकृत दिल्ली नगर निगम में नए सिरे से तय होंगी TAX दरें, जनता की जेब होगी खाली

वर्तमान समय में तीन भागों में बंटी नगर निगम के उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली हजारों करोड़ रुपए के वित्तीय घाटे में हैं. जिससे उबरने के लिए केन्द्र सरकार ने निगम का एकीकरण करने का फैसला किया है. निगमों के एकीकृत रूप में आने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

दिल्ली नगर निगम
दिल्ली नगर निगम

By

Published : May 20, 2022, 6:21 PM IST

नई दिल्ली: केन्द्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक आगामी 22 मई से दिल्ली के तीनों नगर निगम एक हो जाएंगे. दिल्ली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख दर्ज होने जा रही है. इस तारीख से दिल्ली के अंदर एकीकृत नगर निगम अपने अस्तित्व में वापस आने जा रही है. तीनों निगमों के एकीकृत हो जाने के बाद नए सिरे से संपत्ति कर, पार्किंग शुल्क और विभिन्न लाइसेंस शुल्क की नई दरें तय की जाएंगी. जिसका असर प्रत्यक्ष रूप से दिल्लीवासियों की जेब पर पड़ेगा.

निगमों के एकीकरण के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली नगर निगम की प्रशासनिक कार्रवाई को भलीभांति चलाने के लिए विशेष अधिकारी के साथ कमिश्नर की नियुक्ति करेगा. एकीकृत नगर निगम में होने वाले बड़े बदलावों में सीधे तौर पर निर्णय लेने का अधिकार गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त विशेष अधिकारी के पास होगा. तीनों निगमों में संपत्ति कर और विभिन्न लाइसेंस के लिए शुल्क की अलग-अलग दरें हैं. ऐसे में एकीकृत निगम के नए सिरे से गठन के बाद संपत्ति कर से लेकर पार्किंग शुल्क सहित विभिन्न लाइसेंस शुल्क नए सिरे से तय किए जाएंगे.

raw

ऐसे में इस बात की भी पूरी संभावना है कि नई दरें पहले के मुकाबले अधिक हों. जिसका सीधे तौर पर असर दिल्ली के नागरिकों की जेब पर पड़ेगा. उन्हें पहले के मुकाबले अतिरिक्त टैक्स भरना पड़ सकता है. यानी पहले से ही महंगाई की मार से जूझ रहे दिल्ली के लोगों को अतिरिक्त मार पड़ सकती है. नॉर्थ एमसीडी से रिटायर हो चुके मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता ने फोन पर हुई बातचीत में जरूरी जानकारी देते हुए बताया कि विशेष अधिकारी की नियुक्ति के बाद सबसे पहला काम, निगम के अंतर्गत आने वाले विभागों के अध्यक्षों की नियुक्ति करना होगा.

raw

उन्होंने बताया कि प्रशासनिक व्यवस्था को भलीभांति चलाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए जाएंगे. दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय के रूप में सिविक सेंटर को ऑफिस घोषित किया जाना बाकी है. इसके साथ ही अधिकारियों के विभागों का बंटवारा भी किया जाएगा. दिल्ली नगर निगमों के एकीकृत हो जाने के बाद सबसे बड़ा बदलाव यह आएगा कि अब दिल्ली नगर निगम में मेयर और सदन की जगह निगम कमिश्नर के पास 5 करोड़ रुपए तक की परियोजना को अनुमति देने की संवैधानिक शक्ति होगी.


निगमों के एकीकृत हो जाने के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों में कार्यरत कर्मचारियों/अफसरों के 700 पदों को खत्म किया जा सकता है. इन 700 पदों पर कार्यरत अधिकारियों को या तो उनके प्रमुख विभाग वापस भेजा जाएगा या फिर इन सभी लोगों को अन्य जगह पर एडजस्ट किया जाएगा. हालांकि इन 700 पदों को खत्म करने का फैसला पूरी तरीके से विशेष अधिकारी से ऊपर है. एकीकृत हो जाने के बाद कुल विभागों की संख्या 27 ही रह जाएगी, जो पहले 81 थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ABOUT THE AUTHOR

...view details