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कोर्ट में पेशी के लिए जाते समय खामोश रही संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाली नीलम, विपक्षी दल केंद्र पर आक्रामक

Security breach inside Lok Sabha: नई संसद भवन की सुरक्षा में सेंध के मामले में कोर्ट में पेशी के लिए जाते समय आरोपी नीलम खामोश रही. बुधवार को वह संसद के बाहर नारे लगा रही थी. वहीं, संसद सुरक्षा उल्लंघन को लेकर विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर निशाना साध रही है.

संसद सुरक्षा उल्लंघन
संसद सुरक्षा उल्लंघन

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 14, 2023, 4:19 PM IST

कोर्ट में पेशी के लिए जाते समय खामोश रही नीलम

नई दिल्ली: नई संसद भवन की सुरक्षा में सेंध के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ UAPA की धाराओं और आईपीसी सेक्शन 120B, 452 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों से पुलिस ने रात भर पूछताछ की. वहीं, दिल्ली पुलिस गुरुवार को संसद मार्ग थाने से आरोपी नीलम को लेकर पटियाला कोर्ट निकली. कोर्ट में पेशी के लिए जाते समय नीलम खामोश रही.

बुधवार को नीलम संसद के बाहर नारे लगा रही थी, लेकिन आज जब पुलिस उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए लेकर जा रही है, तो उनके चेहरे पर खामोशी साफ नजर आ रही थी. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत नहीं की. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल आरोपियों से पूछताछ के साथ ही कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. स्पेशल सेल की एक दर्जन से भी ज्यादा टीमें अलग-अलग एंगल से मामले की जांच कर रही है. वहीं, इस मामले की टेरर एंगल से भी जांच की जा रही है. सभी आरोपियों को अलग-अलग गाड़ियों में दिल्ली पुलिस द्वारा कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया.

संसद में सुरक्षा चूक पर विपक्ष हमलावर: नई संसद में सुरक्षा में चूक को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा. विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर आक्रामक है. देशभर में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों द्वारा केंद्र पर निशाना साधा जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली के रायसीना मार्ग पर स्थित इंडियन यूथ कांग्रेस कार्यालय के बाहर युवा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी सांसद के निलंबन की मांग की.

विपक्षी दल केंद्र सरकार पर आक्रामक

प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस यूथ के कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार इस चूक और अपनी इस घोर लापरवाही को छुपाने की कोशिश कर रही है. उन्हें भाजपा सांसद से सवाल करना चाहिए कि वे किसके पास पर आए थे. वे प्रथम कड़ी हैं. संसद में घुसपैठ का मामला बहुत गंभीर है. सदन के अंदर जो धुआं छोड़ा गया, वो केमिकल गैस भी हो सकता था. या उनके हाथ में कोई नुकीली चीज भी हो सकती थी.

बता दें, 22 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन के अंदर आतंकवादी घटना हुई थी. किस प्रकार से आतंकियों ने हमारे जवानों को गोलियों से भून दिया था तब भी भाजपा की सरकार थी और आज 2023 में भी बीजेपी की सरकार है.

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