नई दिल्ली: चुनाव के नजदीक आते ही सभी पार्टियां अपनी पार्टी और संगठन को मजबूत बनाने की कवायद में जुटी हैं. इसी क्रम में कांग्रेस में सोमवार को बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के नेता शामिल हुए हैं.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को तमाम दलों और संगठनों के मुस्लिम नेताओं ने शीला दीक्षित की उपस्थिति में कांग्रेस का दामन थामा है. इस मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ और राजेश लिलोठिया भी मौजूद रहे.
'बड़े नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ'
कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं में बसपा नेता और इंडियन बैकवर्ड कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी अब्दुल समी सलमानी, स्वराज इंडिया में दिल्ली के महामंत्री और पूर्व निगम पार्षद आनंद कुमार गौतम, पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ चुके चांद अब्बासी, आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े रहे हाजी शरीफ अहमद, बसपा नेता मोहम्मद उमर सलमानी, जनता दल के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद इरशाद सैफी व राजा गार्डन से बसपा के टिकट पर निगम का चुनाव लड़ चुके इशाक मोहम्मद शामिल रहे.
मुस्लिम नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ, बोले- यह पार्टी सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में सक्षम 'कांग्रेस सांप्रदायिक ताकतों से लड़ सकती है'
इन सभी नेताओं के साथ भारी संख्या में इनके समर्थक भी सोमवार को कांग्रेस में शामिल हुए. इस मौके पर अब्दुल समी सलमानी ने कहा कि वो कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है, जो वर्तमान समय में सांप्रदायिक ताकतों से लड़ सकती है. इनमें कई ऐसे भी नेता थे, जो पूर्व में कांग्रेस पार्टी में शामिल रहे हैं, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.
इस मौके पर शीला दीक्षित ने सभी नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि बहुत खुशी है कि इतने सारे लोग कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने सभी नेताओं का आह्वान किया कि घर-घर जाकर कांग्रेस की नीतियों का प्रचार करें और राहुल गांधी के संदेश और कांग्रेस के कार्यक्रमों को दिल्लीवासियों तक पहुंचाया जाए.