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दिल्ली मेट्रो में सामान चोरी होने पर यह काम है बेहद जरूरी, चोर को पकड़ना होगा आसान - मेट्रो डीसीपी की अपील

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि मेट्रो में चोरी की वारदाते हो जाती हैं, उसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली रह जाते है. ये देखा गया है कि पीड़ित के जरिए मामले की जांच में पुलिस को कोई मदद नहीं मिलती. इसको लेकर मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि ने लोगों से जांच में सहयोग देने की अपील की है.

metro dcp jitendra mani
मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि

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Published : Sep 15, 2020, 12:40 PM IST

नई दिल्ली:मेट्रो में होने वाली चोरी की वारदातों को सुलझाने के लिए पुलिस ने इसका शिकार होने वाले लोगों से मदद मांगी है. पुलिस ने उनसे अपील की है कि वह ना सिर्फ शिकायत करें बल्कि जांच में भी पुलिस को सहयोग करें. इससे आरोपी को पकड़ने और उसे सजा दिलवाने में उन्हें काफी मदद मिलेगी. ऐसा देखने में आया है कि पीड़ित के सहयोग नहीं करने की वजह से आरोपी बच निकलते है.

मेट्रो डीसीपी ने चोरी की वारदातों को कम करने के लिए की ये अपील

पीड़ित के जरिए नहीं मिलती मदद

मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि बीते पांच महीनों में मेट्रो बंद होने के दौरान पुलिस ने पिछले मामलों को सुलझाने की काफी जद्दोजहद की. इसमें पुलिस को काफी कामयाबी भी मिली और उन्होंने कई मामलों को सुलझाया, लेकिन इस दौरान एक बड़ी परेशानी भी देखने को मिली. यह देखा गया कि मामले की जांच के दौरान पीड़ित के जरिए सहयोग नहीं मिलने के चलते कई अपराधी बच जाते हैं. पुलिस के पास इनके खिलाफ कोई साक्ष्य भी नहीं होता है, जिससे उनकी गिरफ्तारी की जा सके.

8 घंटे ही सुरक्षित रहती है मेट्रो ट्रेन की फुटेज

लोगों से अपील- जांच में करें सहयोग


मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब उनके साथ मेट्रो में चोरी की घटना घटित है, तो वह तुरंत इस मामले की शिकायत पुलिस से करें. इसके साथ ही मेट्रो की फुटेज देखने में भी तत्परता दिखाएं ताकि आरोपी की पहचान जल्द की जा सके. उन्होंने बताया कि मेट्रो स्टेशन की फुटेज एक सप्ताह तक सुरक्षित रखी जाती है. वहीं मेट्रो ट्रेन की फुटेज 8 घंटे ही सुरक्षित रहती है. ऐसे में लोग जब फुटेज को नहीं देखते हैं, तो आरोपी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है. लोग फुटेज देखने नहीं आते जिसकी वजह से 8 दिन बाद फुटेज खत्म हो जाती है. ऐसे में आरोपी की पहचान करना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल हो जाता है. अगर लोग समय पर आकर फुटेज देख लें तो उसे पुलिस सुरक्षित रख लेगी. यह फुटेज न केवल आरोपी को पकड़ने में बल्कि उसे सजा दिलवाने में भी मददगार साबित होगी.

आरोपी उठा रहे फायदा


डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जब उन्होंने चोरी के मोबाइल बरामद किए हैं. जिन लोगों के पास से यह मोबाइल बरामद हुए, उन्होंने पुलिस को बताया कि यह मोबाइल उन्होंने सड़क चलते किसी राहगीर से खरीदा है. ऐसे में पुलिस उन्हें चोरी के तहत गिरफ्तार नहीं कर सकती है. अगर इन वारदातों में उनके पास सीसीटीवी फुटेज होती, तो यह साफ हो जाता कि इस शख्स ने चोरी की है या नहीं. उनका मानना है कि पीड़ित द्वारा तत्परता नहीं दिखाने के चलते ऐसे बदमाशों को फायदा पहुंच रहा है. इसलिए लोगों को इसमें मदद करने की आवश्यकता है.

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