नई दिल्ली: मेट्रो के चौथे फेज की सबसे लंबी लाइन पर काम को रोक दिया गया है. इसकी वजह वन विभाग की ओर से जताई गई आपत्ति है. वन विभाग का आरोप है कि डीम्ड फारेस्ट क्षेत्र में ये निर्माण किया जा रहा है. उसके अलावा यहां से एक पेड़ को भी उखाड़ा गया है.
वहीं डीएमआरसी का कहना है कि उन्होंने किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया है. फिलहाल समाधान होने तक उन्होंने काम को भी रोक दिया है. जानकारी के मुताबिक मेट्रो के चौथे फेज में जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम के बीच मैजेंटा मेट्रो लाइन के निर्माण कार्य को शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत में ही वन विभाग की तरफ से आपत्ति जताई गई है. उनकी आपत्ति के चलते फिलहाल दिल्ली मेट्रो को इस सेक्शन पर निर्माण कार्य रोकना पड़ा है.
ये माना जा रहा है कि 4 साल की देरी से शुरू हुए मेट्रो फेज-4 के काम में और समय लग सकता है. इतना ही नहीं अधिकारियों का मानना है कि अगर प्रोजेक्ट में देरी होती है तो उसका असर ना केवल यहां के पर्यावरण पर पड़ेगा बल्कि इसकी लागत में भी बढ़ोतरी हो जाएगी.
डीएमआरसी-वन विभाग आमने-सामने
डीएमआरसी के अनुसार आरके आश्रम से जनकपुरी वेस्ट के बीच बन रही मेट्रो लाइन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी उत्तरी और मध्य दिल्ली के कई इलाकों को सीधा नोएडा से जोड़ेगी. लेकिन इस निर्माण कार्य के दौरान वन विभाग ने दिल्ली मेट्रो को कई पेड़ों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. उनका यह भी आरोप है कि नोटिस के बावजूद डीएमआरसी ने काम बंद नहीं किया है. उधर डीएमआरसी का कहना है कि अभी इस सेक्शन पर केवल बैरिकेडिंग की गई है. यहां निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. उनकी तरफ से किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है.
आखिर क्या है विवाद का कारण