नई दिल्ली:बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में अदालत ने दोषी आरिफ खान को फांसी की सजा सुना दी है. इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस ने अपने जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को खो दिया था. अदालत के इस फैसले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता अमित झा ने शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की पत्नी माया शर्मा से बातचीत की. उन्होंने इस फैसले पर संतोष जाहिर करते हुए इसे एक बड़ी राहत बताया है.
इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की पत्नी माया शर्मा से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत रिपोर्टर-आपको लगता है कि इसमें काफी लंबा समय लग गया?
माया शर्मा-लंबा समय तो लगा, बहुत लंबा समय लग गया, लेकिन हमने बड़े धीरज के साथ इस फैसले का इंतजार किया है.
रिपोर्टर-क्या आज उन लोगों को जवाब मिल गया है, जो इस मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे थे?
माया शर्मा-बिल्कुल, इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं है. 2008 की अगर आप मेरी स्टेटमेंट देखें तो उसमें मैंने तब भी कहा था कि जिन लोगों को लगता है कि कोई आदमी (शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा) सुसाइड करने के लिए गया था, अपने बीमार बेटे को अस्पताल में छोड़कर, जो बेहद क्रिटिकल था. इससे बड़ी विडंबना तो कोई हो ही नहीं सकती. लेकिन ठीक है वोट बैंक की पॉलिटिक्स होती है. आपको अपने वोट बैंक की चिंता है. लेकिन किसी के सैक्रिफाइस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.
रिपोर्टर-यह जो फैसला आया है क्या इससे आपको लगता है कि न्याय हुआ है?
माया शर्मा- आप इसे जस्टिस क्या कह सकते हैं. आप इसे एक बड़ी राहत कह सकते हैं. जस्टिस आप किसके लिए मानेंगे. जो लोग ब्लास्ट में मारे गए क्या उन्हें न्याय मिला. हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरी तरह से भरोसा है कि अदालत ने सही का साथ दिया है. इस बात की हमें संतुष्टि है. कम से कम हमारे साथ अदालत फेयर रही है.