नई दिल्ली: आर्थिक तंगी से जूझ रही दिल्ली सरकार से कारोबारियों ने भी कन्नी काट ली है. कोरोना महामारी की आड़ में कई कंपनियों के कारोबारियों ने दिल्ली सरकार को महीनों से टैक्स नहीं दिया है. इसमें 970 कंपनियों ने इस वर्ष जनवरी से मार्च महीने तक एक रुपया भी टैक्स के तौर पर जमा नहीं किया है. अब दिल्ली सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है.
जीएसटी एक्ट के तहत सरकार करेगी कार्रवाई
सरकार अब डिफॉल्टर कंपनियों की लिस्ट के अनुसार सभी को जीएसटी एक्ट के सेक्शन 3 ए के तहत नोटिस भेजकर 15 दिन के अंदर पैसा जमा करने का निर्देश देगी.
पंजीकृत सभी कंपनियों का डाटा खंगाल रही सरकार
इसके अलावा सरकार दिल्ली में जीएसटी एक्ट के तहत पंजीकृत सात लाख कंपनियों के डाटा का भी अध्ययन कर रही है, उनमें टैक्स जमा में गड़बड़ी मिली तो उन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. उपमुख्यमंत्री ने सभी कंपनियों से जल्द से जल्द बकाया टैक्स जमा करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कंपनियां पैसा जमा नहीं करती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह पैसा जनता का है, जिसे जनता के हित में लगाना है.
जीएसटी से कम हुई आमदनी
बैठक के बाद दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार सभी करदाताओं का विश्लेषण कर रही है. इस विश्लेषण से पता चला है कि दिल्ली सरकार को जनवरी 2020 से मार्च 2020 तक मात्र 3777 करोड़ रुपये का ही टैक्स मिला है. वहीं गत वर्ष 2019-20 में सरकार को 5793 करोड़ रुपये टैक्स मिला है.
सरकार को टैक्स देने के मामले में बड़ी संख्या में कंपनियां डिफॉल्टर है. इन कंपनियों से टैक्स वसूलने को लेकर दिल्ली सरकार अब सख्त हो गई है. दिल्ली में 111 ऐसी शराब कंपनी हैं, जिन्होंने जनवरी से मार्च तक वैट का पैसा नहीं जमा कराया है. इन्हें भी दिल्ली सरकार को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है.