नई दिल्ली/नोएडा:बांग्लादेशी महिला सोनिया अख्तर और सौरभकांत तिवारी के मामले में जो बाते सामने निकल कर सामने आई है, वो कई सवालों को जन्म दे रही है. दरअसल, नोएडा पुलिसइस प्रकरण की जांच शुक्रवार को पूरी कर ली. ऐसे में सवाल है कि क्या इस प्रकरण में मासूम बच्चे को पिता का हक मिल पाएगा? क्या सोनिया अपने पति को वापस बांग्लादेश लेकर जा सकेंगी? इन तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़े पूरी स्टोरी...
सौरभकांत-सोनिया प्रकरण में बच्चे को पिता का हक मिल पाएगा, इस पर अभी भी संशय है. काउंसलिंग के दौरान सोनिया ने एडिशनल डीसीपी महिला सुरक्षा प्रीति यादव के सामने निकाह की जो तस्वीरें, वीडियो, मैरिज और धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया, उससे उसके दावों को बल मिला है. एडिशनल डीसीपी महिला सुरक्षा ने बताया कि महिला का दावा भले ही मजबूत है, पर इसमें अब पुलिस की भूमिका ज्यादा रह नहीं गई है. इस मामले को लेकर दोनों न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं.
कानून के जानकारों का कहना है कि धर्म परिवर्तन और निकाह सौरभ ने बांग्लादेश में किया था. वह बांग्लादेश में ही सोनिया के साथ रहा और बेटे का जन्म हुआ. ऐसे में केस अब बांग्लादेश की अदालत और थाने में ही फाइल करना होगा. वहां केस दायर होने के बाद बांगलादेश की सरकार भारत के हाईकमीशन से वार्ता कर इस बात की जानकारी दे सकती है कि संबंधित प्रकरण का आरोपी भारत में है. उसके बाद ही सौरभ का प्रत्यारोपण संभव है.