नई दिल्ली: कभी दिल्ली के वित्त मंत्री रहते हुए खजाने के मालिक-से रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बुरे दिन चल रहे हैं. अब बात आर्थिक तंगी तक पहुंच गई है, जबकि दिल्ली सरकार में 18 विभागों का मंत्री रहते हुए मनीष सिसोदिया की तूती बोलती थी और उनको अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो का दर्जा प्राप्त था. बतौर वित्त मंत्री उन्होंने दिल्ली सरकार के करीब आठ बजट पेश किए थे. इस दौरान सिसोदिया ने ही तय किया कि किस विभाग और किस मद में विकास कार्य के लिए कितना पैसा दिया जाना है. इसके अलावा लोक निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आबकारी, बिजली सहित सभी बड़े विभागों के मुखिया सिसोदिया ही थे.
अब समय बदल गया है. हालात ये हो गए हैं कि सिसोदिया खुद के खर्च और पत्नी के इलाज के लिए अपने ही बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए कोर्ट के आदेश का मोहताज हो गए हैं. एक समय था जब दिल्ली सरकार से लेकर संगठन के काम में सिसोदिया की सलाह बहुत अहम होती थी. अब बीते पांच महीने से तिहाड़ जेल में बंद सिसोदिया के पास इलाज और घरेलू खर्चों के लिए भी पैसे नहीं हैं. कारण यह है कि आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपित होने के चलते ईडी ने उनका बैंक खाता सीज कर दिया है. इस वजह से सिसोदिया को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.