नई दिल्ली: नए संसद भवन के बाहर रविवार को महिला सम्मान महापंचायत होनी थी. दिल्ली से सटे बॉर्डर पर लोगों के आने का सिलसिला जारी हो गया था, लेकिन बॉर्डर पर पुलिस ने लोगों को रोक लिया. जंतर मंतर से संसद मार्ग कूच करने वाले पहलवानों को भी पुलिस ने रोक लिया. इस बीच पहलवानों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हो गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इसके बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया. इसको लेकर नेताओं ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा कि राज्याभिषेक पूरा हुआ- 'अहंकारी राजा' सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज. सीएम केजरीवाल ने पहलवान साक्षी मलिक के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद गलत एवं निंदनीय. दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने एक वीडियो पोस्ट कर लिखा कि देश की बेटियों के साथ केंद्र सरकार द्वारा दुर्व्यवहार बेहद दुःखद है. सत्ता के नशे में चूर हुक्मरानों को देश की बेटियों की चीख-पुकार आंखिर सुनाई क्यों नहीं दे रही है.
मालीवाल ने पुलिस कमिश्रर को लिखा पत्रः वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा कि इन लड़कियों ने विदेशी सरजमीं पर तिरंगा ऊंचा किया था, आज इन बेटियों को ऐसे घसीटा जा रहा है और तिरंगा ऐसे सड़क पर अपमानित हो रहा है. इसके साथ ही मालीवाल ने शाम में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को लेटर लिखकर दो मांगे रखी है. बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करो और हिरासत में लिए गए पहलवानों को तुरंत रिहा करो.
कई संगठनों ने की निंदाः क्रांतिकारी युवा संगठन ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने महिला सम्मान महापंचायत को जबरन बर्बरतापूर्वक रोका. महिला पहलवानों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. आज का दिन काले धब्बे के तौर पर देखा जाएगा. फतेहपुर बेरी थाना में लोगों को जबरन डाला गया. संगठन का कहना है कि उनके साथ संघटन से जुड़े लोग नए संसद पर आयोजित महिला सम्मान महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे, लेकिन यौन उत्पीड़न का विरोध कर रही महिलाओं को इसके बाहर महापंचायत नहीं करने दिया गया. यह सीधे तौर पर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर एक धब्बा है. कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने से पहले बर्बरतापूर्वक पीटा गया.