नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में इस वक्त जमा देने वाली ठंड पड़ रही है, गिरता तापमान लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. ऐसे में बिना छत के सर्द रातें गुजारना बेहद मुश्किल भरा है, हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास सर छुपाने के लिए छत तक नहीं होती, जो खुले आसमान के नीचे यह सर्द रातें गुजारने के लिए मजबूर होते हैं.
दिल्ली में करीब 144 शेल्टर होम
इन्हीं लोगों की मदद के लिए दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) की तरफ से करीब 144 शेल्टर होम यानी रेन बसेरे चलाए जा रहे हैं. जहां पर बेघर लोगों के रहने की और इन सर्द रातों में रुकने की व्यवस्था की गई है. इस ठिठुरती सर्दी में इन रैन बसेरों में बचाव के लिए क्या कुछ इंतजाम है, यह जानना जरूरी है इसके लिए ईटीवी भारत की रिपोर्टर दक्षिणी दिल्ली के ओखला, मोदी मिल के पास बने नाइट शेल्टर होम में पहुंची.
25 लोगों के रुकने की व्यवस्था
रेलवे स्टेशन के पास फ्लाईओवर के नीचे बने पोटा केबिन के शेल्टर होम में करीब 40 लोगों के रुकने की व्यवस्था है, लेकिन इस नाइट शेल्टर होम के केयरटेकर संदीप ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते फिलहाल अभी 25 लोगों के रुकने की व्यवस्था की हुई है. उन्होंने बताया कि लोगों के लिए बिस्तर, कंबल, दो टाइम का खाना, नहाने, पीने के पानी आदि चीजों की व्यवस्था इस शेल्टर होम में की गई है. सुबह करीब 12 बजे और रात को 8 बजे खाना दिया जाता है.
2 वक्त के खाने के साथ गर्म पानी पीने की व्यवस्था
पिछले करीब 1 महीने से नाइट शेल्टर होम में रह रहे उमेश कुमार ने बताया कि वह बिहार से काम के सिलसिले में दिल्ली आए थे, लेकिन पिछले करीब 1 महीने से काम नहीं है, वह दिव्यांग है और पहले एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते नौकरी चली गई. जिसके बाद रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था. इसीलिए वह इस शेल्टर होम में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी सुविधाएं यहां पर हैं, ठंड से बचाव के लिए कंबल भी दिए जा रहे हैं, साथ ही पीने के लिए गर्म पानी की भी व्यवस्था है. हालांकि नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था नहीं है.