नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों से पहले केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के किसानों को बिजली की दरों में राहत दी है. बिजली सरचार्ज के रूप में प्रतिकिलो वॉट 125 रुपये की दर से किसानों से लिया जा रहा था. अब सरकार ने किसानों को प्रति किलोवॉट 105 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला लिया है. कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है.
विधानसभा सत्र के दौरान ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार ने किसानों को प्रति किलोवॉट 105 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला लिया है. इसे कैबिनेट की भी मंजूरी मिल गई है. उन्हें कहा कि सरचार्ज पर अप्रैल 2018 से सब्सिडी दी जाएगी.
दरअसल, दिल्ली सरकार ने बीते साल अप्रैल महीने में बिजली बिलों पर सरचार्ज लगाया था. ये सरचार्ज किसानों को जो ट्यूबवेल चलाने के लिए कनेक्शन दिए गए हैं उस पर भी लगाया गया. जिससे अप्रैल महीने के बाद आने वाले बिजली बिलों में बढ़े हुए सरचार्ज से किसानों की कमर टूट गई,
केजरीवाल सरकार का एक और 'मास्टर स्ट्रोक' ऐसे पड़ता है किसानों पर बोझ
पहले दिल्ली के किसानों को हर महीने प्रति किलोवाट सिर्फ 20 रुपये देने होते थे, जिसे बढ़ाकर रुपये 125 कर दिया गया. ऐसे में किसानों को 1 किलो वाट के लिए भी हर महीने 105 रुपया अधिक देना पड़ रहा था. किसी किसान ने 10 किलोवाट का बिजली कनेक्शन लिया हुआ है तो उसे वह इस्तेमाल करें या नहीं लेकिन हर महीने 1500 का बिल कम से कम उसके नाम आता है जिससे किसान खासे परेशान थे.
किसानों ने कई बार की शिकायत
किसानों ने कई दफा मुख्यमंत्री और दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन तक भी अपनी बात पहुंचाई. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका, अब जाकर सरकार ने बिजली कंपनी को बढ़े हुए सरचार्ज की राशि सब्सिडी के रूप में देने का फैसला लिया है.
हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य में किसानों को ट्यूबवेल के लिए सिर्फ 200 रुपये फिक्स चार्ज देना होता है और दिल्ली के किसान भी मांग कर रहे थे कि उनके लिए भी एक फिक्स चार्ज तय होने चाहिए. दिल्ली में 1200 ट्यूबवेल है और इसका इस्तेमाल किसान खेती के लिए करते हैं.