नई दिल्ली:देश भर में जाट आरक्षण की मांग एक बार फिर से उठने लगी है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सोमवार को देशभर के अलग-अलग राज्यों से लोग पहुंचे. जाट समुदाय के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. प्रदेश और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और स्पष्ट किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जाट समुदाय के लोग उस पार्टी को अपना समर्थन देंगे, जो जाटों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए वचनबद्ध होगा. प्रदर्शन में किसान नेता राकेश टिकैत के भाई भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी पहुंचे.
जाट महाअधिवेशन में पहुंचे देशभर के जाट, आरक्षण की मांग कर केंद्र को चेताया - देशभर से आए जाट समुदाय के लोगों ने की शिरकत
Delhi Jat Mahaaddhivesan 2023: दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सोमवार को जाट महाअधिवेशन का आयोजन हुआ. इसमें देशभर से आए जाट समुदाय के लोगों ने शिरकत की. सबने एक स्वर में जाट आरक्षण की मांग की और केंद्र सरकार से आरक्षण की मांग पूरी नहीं होने पर अल्टीमेटम दिया.
Published : Nov 20, 2023, 6:40 PM IST
इस दौरान नरेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार है. पिछले कई महीनों से हमारी डिमांड है कि हमें आरक्षण दिया जाए. जाट भाई को भाई से लड़वाने का काम केंद्र सरकार ने किया है. आने वाले चुनाव में सरकार को जड़ से उखाड़ने का काम जाट समुदाय के लोग करेंगे. उनका कहना है कि हमारी मुख्य मांग जाट आरक्षण की लड़ाई और आंदोलन के दौरान युवाओं पर दर्ज झूठे मुकदमे को खत्म कराना है.
सरकार को उखाड़ फेकेंगे:मेरठ से पहुंचे डॉक्टर कुलदीप शेरावत का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया है. हमें आरक्षण मिला था, लेकिन जब मामला कोर्ट में गया तो केंद्र सरकार ने सही तरीके से पैरवी नहीं किया. इस वजह से फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया. हमारी मांग है कि हमें भी आरक्षण दिया जाए. अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती है तो आने वाले चुनाव में इस सरकार को उखाड़ फेकेंगे.
जाटों को आरक्षण नहीं मिलेगा तो फिर हम कहां जाएंगे? : डॉ शकुंतला दहिया का कहना है कि पहले कांग्रेस सरकार से हमें आरक्षण दिया गया था और साल 2014 में बीजेपी के शासन में आरक्षण को हटा दिया गया. हमारी मांग है कि हमें आरक्षण दिया जाए. मैं खुद एक किसान की बेटी हूं और जाटों के बारे में सबको पता है कि जाट किसान खेती-बाड़ी से ही अपना घर चलाता है. जब जाटों को आरक्षण नहीं मिलेगा तो फिर हम कहां जाएंगे.
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