नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तनातनी के चलते शुक्रवार शाम को होने वाली साप्ताहिक मीटिंग एक बार फिर टल गई. उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी से मिली चिट्ठी का साहित्यिक अंदाज में जवाब देते हुए लिखा कि सूर्य अपना काम करे और चंदा अपना काम करे, तभी अच्छे लगते हैं. सीएम को अपना काम करने दीजिए और आप दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक कीजिए. आपका काम कानून व्यवस्था, पुलिस और डीडीए संभालना है. हमारा काम दिल्ली के अन्य सभी विषयों पर काम करना है. आप अपने काम छोड़कर रोज हमारे काम में दखल देंगे, तो व्यवस्था कैसे चलेगी?
केजरीवाल ने आगे कहा कि अपने पत्र में आपने अब हम सभी मंत्रियों और विधायकों को बातचीत के लिए खाने पर आमंत्रित किया है, इसके लिए बेहद शुक्रिया. यदि आपको सहूलियत हो तो हम सब दिन शनिवार, 21 जनवरी को एक बजे आपके घर आ जाएंगे. यदि ये समय आपके लिए सुविधाजनक न हो तो आप हमें अपनी सुविधानुसार समय बता दें, हम उस समय आ जाएंगे. दिल्ली में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पर अभी हमला हुआ. यदि महिला आयोग की अध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं हैं तो एक आम महिला की क्या बात करें?
दिल्ली वालों ने आज तक आपको कानून व्यवस्था पर कोई काम करते नहीं देखा, बल्कि उनकी चुनी हुई सरकार के रोज़मर्रा के कामों में हस्तक्षेप करते हुए ही देखा है. इससे लोगों में भारी रोष है. अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है कि आपने अपने पत्र में लिखा है कि हम बिना बताए आपसे मिलने आ गए थे, इसलिए आप नहीं मिले. सीएम, डिप्टी सीएम और सारी कैबिनेट व विधायक आपके द्वार पर खड़े थे तो जाहिर है कि राज्य से संबंधित बड़ी समस्या लेकर आए थे. आप चाहते तो पांच मिनट के लिए बाहर आकर हमसे मिल सकते थे, पर नहीं मिले. इससे पूरे प्रदेश में लोगों को बुरा लगा और अपमानित महसूस किया.
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दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने से मना कर दिया. केजरीवाल ने संवैधानिक अधिकारों की याद दिलाते हुए लिखा है कि संविधान ने आपको तीन जिम्मेदारियों दी हैं दिल्ली की कानून व्यवस्था, दिल्ली पुलिस और डीडीए. आज पूरे देश में दिल्ली की कानून व्यवस्था सबसे ख़राब है. जब दुनिया दिल्ली को रेप कैपिटल कहती है तो हर दिल्लीवासी का सिर शर्म से झुक जाता है. दिल्ली में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं. किसी भी महिला का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जी पर अभी हमला हुआ. यदि महिला आयोग की अध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं है तो एक आम महिला की क्या बात करें.
दिल्ली वालों ने आज तक आपको दिल्ली की कानून व्यवस्था पर कोई काम करते नहीं देखा. दिल्ली की जनता आपको केवल उनकी चुनी हुई सरकार के रोज़मर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप करते हुए ही देखा है. लोगों में भारी रोष है कि आप लोगों के कार्यों में रोज क्यों अड़ंगा लगाते हैं. अगर दिल्ली के लोग अपने टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो आप इसको क्यों रोकते हैं. जब आप रोज लोगों के काम रोकते हैं, तो लोग कहते हैं कि एलजी साहब हमारे काम रोकने वाले कौन होते हैं? संविधान ने आपको दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक करने का काम दिया है. आप वो काम कीजिए ना? संविधान ने बाकी काम हमें दिए हैं, हमें अपने काम करने दीजिए. आपको यदि हमारे काम ठीक नहीं भी लगते, तब भी आपको हमारे कामों में विघ्न डालने का कोई अधिकार नहीं है. वैसे ही जैसे हम आपके कामों में विघ्न नहीं डालते.
अंत में मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को लिखा है किसी दिन यदि सूर्य को लगने लगे कि चांद ठीक से काम नहीं कर रहा, आज मैं चांद का काम करूंगा, तो सारी सृष्टि गड़बड़ा जाएगी. सूर्य अपना काम करे और चंदा अपना काम करे, तभी अच्छे लगते हैं, तभी सारी व्यवस्था सुचारु रूप से चलती है. सीएम को अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक कीजिए, ताकि कंझावला जैसे केस दोबारा ना हो, तभी दिल्ली की व्यवस्था ठीक चलेगी.
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