नई दिल्ली: साहित्य अकादमी देश में साहित्य, साहित्यकारों, राष्ट्र भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्द्धन के लिए काम करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था है. यह संस्था लगातार देश के अलग-अलग राज्यों और अपने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूरे वर्ष कार्यक्रम करती है, जिसका लाभ साहित्यकारों और भाषाओं को भी मिलता है. साथ ही उत्कृष्ट कृतियों का चयन कर अकादमी प्रतिवर्ष अलग-अलग भाषाओं के साहित्यकारों को पुरस्कार प्रदान करती है, ताकि साहित्य और साहित्यकारों को बढ़ावा मिले और वह अपनी क्षेत्रीय भाषा में या राष्ट्र भाषा में साहित्य सृजन को जारी रख सकें.
इसके अतिरिक्त साहित्य अकादमी युवा साहित्यकारों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना चला रही है, जिससे युवा साहित्यकार को भी आर्थिक रूप से मदद कर प्रोत्साहन दिया जाता है. लेखक सम्मेलन, दिव्यांग लेखक सम्मेलन, युवा लेखक सम्मेलन और अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं के नाम से सम्मेलन और लेखक से मिलिए जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर साहित्य अकादमी साहित्य को बढ़ावा देने का कार्य करती है. अकादमी के ऐसे ही आयोजनों और उसकी युवा साहित्यकारों को बढ़ावा देने की भावी योजना, पुरस्कार वापसी के मुद्दे सहित कई अन्य विषयों को लेकर ETV भारत ने अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव से विस्तृत बातचीत की. पेश है इसके प्रमुख अंश...
सवालः साहित्य अकादमी साहित्य, साहित्यकारों और भाषाओं के संवर्धन के लिए किस तरह से काम कर रही है?
जवाबः साहित्य अकादमी ने साहित्य, साहित्यकारों और भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए तीन से 6 अगस्त तक हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत ही नहीं, एशिया के सबसे बड़े लिटरेचर फेस्टिवल 'उन्मेष' का आयोजन किया. इसमें 101 भषाओं के 500 से ज्यादा साहित्यकारों ने भाग लिया. इनमें 13 अलग-अलग देशों से लेखक और साहित्य प्रेमी सम्मिलित हुए. सबसे अच्छी बात कि इनमें बड़ी संख्या में आदिवासी लेखक और एक चौथाई से ज्यादा युवा लेखक शामिल हुए. इन युवा लेखकों में से ही भविष्य के भीष्म साहनी, नामवर सिंह, महादेवी वर्मा जैसे बड़े साहित्यकार निकलेंगे.
सवाल: साहित्य अकादमी आने वाले दिनों में कौन-कौन से कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है?
जवाब: साहित्य अकादमी नवंबर में बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान करेगी. नवंबर में ही पुस्तकायन नाम से एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन होगा. इसके अलावा दिसंबर में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा होगी. जनवरी में युवा साहित्य पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनकी घोषणा जून में हो चुकी है. इसके अलावा हिंदी के बड़े लेखकों अमृत राय, नरेश मेहता, हरिशंकर परसाई और रांगेय राघव की इस साल जन्मशताब्दी भी है, जिसे साहित्य अकादमी मनाएगी.
सवाल: जिस तरह से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके उसमें क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. उस तरह से क्या साहित्य अकादमी को भी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कोई लक्ष्य दिया गया है?
जवाब: क्षेत्रीय भाषाओं को प्रमोट करने का कार्य साहित्य अकादमी पहले से ही कर रही है. इसके अलावा बाल साहित्य को भी प्रमोट किया जा रहा है. इसके लिए बाल साहित्य पुरस्कार दिए जा रहे हैं. साथ ही बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक को अनुवाद करके दूसरी भाषाओं में छाप भी रहे हैं, जिससे दूसरी भाषाओं और लेखक दोनों को प्रोत्साहन मिल रहा है.