नई दिल्ली:दिल्लीपुलिस ने अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को ठगने वाला अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ (International gang defrauding American citizens busted) किया है. स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी वर्ष 2012 से लेकर अब तक करीब 20,000 लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं. आरोपियों के खाते से कुल 4.36 करोड़ों रुपए की एंट्रियां मिली है.
आरोपियों की पहचान हर्ष मदान, विकास गुप्ता और जतिन लांबा के रूप में की गई है. हर्ष मदान और विकास गुप्ता को कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, जबकि जतिन लांबा को शनिवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा. पुलिस अधिकारियों ने बताया आरोपियों ने वर्ष 2012 से लेकर के वर्ष 2022 तक 20,000 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है.
आईएसएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि उन्हें अमेरिकी सेंट्रल एजेंसी एफबीआई के द्वारा सूचना मिली कि साइबर अपराधियों का एक गिरोह अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को टेक सपोर्ट के नाम पर शिकार बना रहा है. इंटरपोल के जरिए सूचना को सीबीआई ने दिल्ली पुलिस से साझा किया जिसके बाद पुलिस टीम ने दो अमेरिकी नागरिक को जो कि न्यूजर्सी में रहते हैं की शिकायत पर जानकारी जुटाने शुरू की. इस दौरान पश्चिमी दिल्ली में संचालित पीसी कंप्यूटर एंड केयर और उससे संबंध कॉल सेंटर का पता लगा, जहां से अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर में पहले परेशानी आने के बाद बताई जाती है. इसके बाद उन्हें कंप्यूटर हैक करने वाला सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराकर उनके खाते और अन्य कई निजी जानकारियां चुरा ली जाती है, जिसके जरिए आरोपी डॉलर में रकम लूट रहे थे.