नई दिल्ली: आज लॉन्च होने वाले चंद्रयान-3 मिशन को लेकर देश में उत्साह देखने को मिल रहा है. अगर चंद्रयान-3 सफल हो जाता है तो दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन जाएगा. यह सभी देशवासियों के लिए एक गौरव का क्षण होगा. इसी तरह चंद्रयान-3 मिशन को लेकर आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों और प्रोफेसर में भी उत्साह देखने को मिल रहा है.
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एवं उन्नत भारत अभियान के संयोजक वीके विजय ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन भारत के पूरे स्पेस मिशन का ट्रांसफॉर्मेशन है. इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की है. यह मिशन सफल होने से पूरे विश्व के स्पेस क्षेत्र में भारत का डंका बजेगा. इससे भारत स्पेस क्षेत्र में नई तकनीक को भी विकसित करने में सफल होगा.
प्रोफेसर विजय ने कहा कि स्पेस तकनीक का क्षेत्र बहुत बड़ा है. इसमें अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि इस मिशन का सफल होना सभी देशवासियों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के लिए भी बड़े गौरव की बात होगी क्योंकि वैज्ञानिक इसकी सफलता के लिए एक तपस्या के रूप में काम कर रहे हैं.
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वहीं, आईआईटी दिल्ली में एसोसिएट प्रोफेसर प्रियंका कौशल ने कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चंद्रयान-3 मिशन सरकार द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है. इस मिशन के सफल होने से देश की स्पेस टेक्नोलॉजी क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे. भारत स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विश्व में अपनी एक मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकेगा. बता दें कि आज दोपहर ढाई बजे आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 उड़ान भरेगा. इस राकेट की रफ्तार 36 हजार किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इसका 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी है.
वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने देशवासियों को चंद्रयान-3 को लेकर शुभकामनाएं दी है. उन्होंने ट्वीट किया- आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है. चंद्रयान-3 मिशन के द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा. इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की पूरी टीम के साथ-साथ और समस्त देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं. उम्मीद है कि हम शीघ्र ही चांद पर भी तिरंगा फहराएंगे.
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