नई दिल्ली:पूरे देश भर में केंद्र सरकार ने सोने की बिक्री के मद्देनजर नियमों में बदलाव किये हैं. वर्तमान में अब देश के सभी 256 जिलों के अंदर हॉलमार्क वाली ज्वेलरी बेचना अनिवार्य कर दिया है. जिसे लेकर सर्राफा बाजार से जुड़े व्यापारियों ने इसका समर्थन किया है. लेकिन नए नियम के अनुसार लाए गए नए प्रावधान एचयूआईडी (Hallmark Unique Identification) कि जो पद्धति है उसने व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी है.
दिल्ली का दिल कहे जाने वाले चांदनी चौक के अंदर कई सौ साल पुरानी कुचा महाजनी की मार्केट है. जो सोने के व्यापार के लिए जानी जाती है और इसे दिल्ली का सबसे बड़ा सर्राफा बाजार भी कहा जाता है. कूचा महाजन का इतिहास बहुत पुराना है. इसकी स्थापना मुगलों के जमाने में की गई थी. वर्तमान में चांदनी चौक के कूचा महाजनी के अंदर लगभग 1200 से ज्यादा दुकानें हैं, जहां सोने चांदी का व्यापार होता है और इसे दिल्ली का सबसे बड़ा सर्राफा बाजार भी कहा जाता है.
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कूचा महाजनी की मार्केट को दिल्ली के अंदर सोने की बिक्री और खरीद के लिए होलसेल मार्केट के रूप में भी जाना जाता है. पिछले कई सालों से यहां पर सिर्फ और सिर्फ हॉलमार्क की ज्वेलरी सर्राफा व्यापारियों द्वारा बेची जा रही है. लेकिन इस बीच केंद्र सरकार के द्वारा नए हॉलमार्क नियम को लेकर व्यापारियों के परेशानी जो है बढ़ गई है. कूचा महाजनी में सोने का व्यापार करने वाले व्यापारियों ने बातचीत के दौरान बताया केंद्र सरकार के द्वारा सोने के ज्वेलरी पर जो HUID लगाने का नया नियम आया है उससे व्यापारी की परेशानी कई गुना तक बढ़ गई है.
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दरअसल ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने पूरे देश भर में सोने की बिक्री को लेकर एक नया नियम बनाया है. जिसे सभी 256 जिलों में पूरे देश भर के अंदर लागू कर दिया गया है. नए हॉलमार्क नियम में ज्वेलरी के हर एक पीस पर 6 अंकों वाला HUID नंबर लगवाना अनिवार्य होगा. HUID का मतलब हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर है. इस पूरी व्यवस्था को लेकर व्यापारियों के बीच में कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं. जिसको लेकर न सिर्फ व्यापारी परेशान हैं बल्कि ग्राहकों को भी थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सर्राफा व्यापारियों ने बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार द्वारा हॉलमार्क नीति के रूप में जो नए नियम लागू किए गए हैं. उनसे उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. लेकिन इसमें कई त्रुटियां हैं. जिन्हें ठीक करने की आवश्यकता है. उदाहरण के तौर पर यदि कोई परिवार अपनी बेटी की शादी के समय ज्वेलरी खरीदने आता है और लड़की को गहनों का एक सेट पसंद आता है. लेकिन लड़की को उस सेट में झुमके पसंद नहीं है. तो हम उसे झुमके बदलकर नहीं दे सकते. नए नियमों के अनुसार सेट में सिर्फ 2 ग्राम का ही कस्टमाइजेशन किया जा सकता है. जो कि काफी कम है. यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो अब ग्राहकों के कहने के बावजूद ज्वेलरी में महज 2 ग्राम का कस्टमाइजेशन हो सकेगा.