नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जिज्ञा यादव बनाम CBSE के मामले में सुनवाई करते हुए 11वीं कक्षा के एक छात्र को गणित में फेल होने पर उसके शारीरिक शिक्षा (एक अतिरिक्त विषय) में उसके अंकों के आधार पर बारहवीं कक्षा में पदोन्नति करने की अनुमति दी है. न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की एकल न्यायाधीश पीठ ने अपने आदेश में कहा कि एक बार जब स्कूल (केंद्रीय विद्यालय स्कूल) ने ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए सीबीएसई से संबद्धता मांगी और प्राप्त कर ली तो वह अपने छात्रों पर कक्षा के लिए उत्तीर्ण मानदंड नहीं थोप सकता.
CBSE उपनियम होगा मान्य: हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि सीबीएसई द्वारा बनाए गए उपनियम और केंद्रीय विद्यालय के बीच किसी भी टकराव की स्थिति में केन्द्रीय विद्यालय स्कूल कोड जारी करेगा. अदालत ने कहा कि सीबीएसई कानून 40.1 (iv) (बी) द्वारा स्पष्ट रूप से एक मुख्य विषय के स्थान पर एक अतिरिक्त विषय के प्रतिस्थापन की अनुमति दी जाती है. बशर्ते अतिरिक्त विषय भी वैकल्पिक विषयों में से एक के रूप में पेश किया जाता है और इस शर्त के अनुसार प्रतिस्थापन के बाद भी उम्मीदवार मुख्य विषयों में से एक भाषा के रूप में अंग्रेजी या हिंदी को बरकरार रखता है. अदालत ने कहा कि छात्र शारीरिक शिक्षा को वैकल्पिक विषय के रूप में लेने का हकदार है, जो छात्र द्वारा अतिरिक्त विषय के रूप में लिया गया वह एक वैकल्पिक विषय है.
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