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शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा 12वीं तक करने की मांग पर सुनवाई आज

आरटीई शिक्षा में बदलाव कर गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने की अनुमति देने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ कोर्ट आज सुनवाई करेगा.

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Published : Mar 3, 2021, 9:09 AM IST

Hearing today on the demand to expand the scope of the Right to Education Act to 12th
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट शिक्षा के अधिकार कानून में बदलाव कर गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 8वीं की बजाय 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने की अनुमति देने संबंधी आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा.

2019 में हाईकोर्ट ने दिया था आदेश

याचिका सोशल जूरिस्ट नामक एनजीओ की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 9 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने शिक्षा के अधिकार कानून में बदलाव कर गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 8वीं की बजाय 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने की अनुमति देने के लिए छह महीने में जरुरी संशोधन करें.

कानून का दायरा 12वीं तक करने की मांग

2019 में दायर याचिका में वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट से मांग की थी कि शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 12(1)(सी) का दायरा आठवीं क्लास से बढ़ाकर 12वीं क्लास तक किया जाए. याचिका में कहा गया था कि अगर ये दायरा बढ़ाया जाता है, तो शिक्षा के अधिकार के तहत जो बच्चे निजी स्कूलों में मुफ्त में पढ़ रहे हैं. उनकी पढ़ाई 8वीं पास करने के बाद बाधित नहीं होगी.

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गरीब बच्चों को पढ़ने की अनुमति नहीं

याचिका में कहा गया था कि आठवीं कक्षा पास करने के बाद आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूल अपने यहां पढ़ने की अनुमति नहीं देते हैं. इससे उन बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है. उनके अभिभावक इस स्थिति में नहीं होते कि वे निजी स्कूलों का फीस भर सकें. इसलिए शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा आठवीं से बढ़ाकर 12वीं कर दिया जाए.

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