नई दिल्ली: जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि के जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
जेएनयू में महर्षि वाल्मीकि को दी गई श्रद्धांजलि वहीं इस दौरान एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि के जीवन को भारत के लिए एक अमूल्य निधि बताया. उन्होंने कहा कि रामायण जैसा महाकाव्य भारत को देने का श्रेय इसी महान कवि को जाता है.
'भारत को एक अनुपम धरोहर रामायण दी'
साथ ही एबीवीपी के नेता ललित पांडेय ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि एक ऐसे कवि थे जिन्होंने भारत को एक अनुपम धरोहर रामायण दी. विश्वभर में भारतीय संस्कृति और संस्कार का वर्चस्व इनसे ही स्थापित हुआ.
'महर्षि वाल्मीकि समस्त विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत रहे'
उन्होंने बताया कि रामायण की रचना के बाद विश्व के कई हिस्सों में पुनः रामचरित अलग-अलग नाम से लिखा गया. उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि समस्त विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत रहे. रामायण में वर्णित राम, जानकी, भरत, आदि के चरित्र के जरिए उन्होंने विश्वभर को निःस्वार्थ भाई के प्रेम, त्याग, धर्म और अनासक्ति की प्रेरणा दी.
'आयोजित किये जायेंगे पूरे हफ्ते कई अन्य कार्यक्रम'
वहीं जेएनयू के इकाई मंत्री मनीष जांगिड़ ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि से संबंधित ये पहला पुष्पांजलि कार्यक्रम है जो जेएनयू में मनाया गया है. साथ ही कहा कि ये पूरा सप्ताह एबीवीपी महर्षि वाल्मीकि पर कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित करेगी. जिसमें दलित बस्तियों में जाकर उनके जीवन के बारे में लोगों को अवगत कराना, संगोष्ठी आदि शामिल होंगे.