नई दिल्ली: एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने अवैध तरीके से ऑटो रिक्शा और टीएसआर के नए परमिट बनवाने और पुराने परमिट को रिन्यू कराने और ट्रांसफर कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर, 10 हाई प्रोफाइल ऑटो फाइनेंसर और डीलर एवं तीन दलाल शामिल है. एसीबी ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर मई में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
एसीबी के ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा के अनुसार, डीसीपी एसीबी श्वेता सिंह चौहान के नेतृत्व में मामले की जांच की जा रही थी. जांच टीम में बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से जारी किए गए कुछ परमिट को पकड़ा. इनमें पुराने परमिट होल्डर और नए परमिट होल्डर से टीम ने पूछताछ की तो पूरा मामला खुला. पूछताछ में पता चला कि कुछ दलाल और डीलर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से मिलीभगत कर अवैध तरीके से परमिट का ट्रांसफर करवाते थे और नए परमिट भी जारी करवाते थे. यह लोग ऑटो और टीएसआर के परमिट जारी करवाने या ट्रांसफर करवाने के लिए फर्जी दस्तावेज का सहारा लेते थे.
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एक परमिट होल्डर के परिजनों ने बताया कि उन्होंने कभी भी परमिट को ट्रांसफर कराने के लिए एप्लीकेशन नहीं दिया था, फिर भी उनका परमिट ट्रासफर हो गया. पता चला कि 2021 में जिस परमिट होल्डर का परमिट दूसरे के नाम पर ट्रांसफर किया गया है उसकी मौत काफी पहले हो चुकी थी. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर मृत परमिट होल्डर का परमिट किसी और के नाम ट्रांसफर कर दिया, जिसमें ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत पाई गई है.
ये हुए हैं गिरफ्तारः गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में तैनात मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर सुरेश कुमार, टीएसआर डीलर अनिल सेठी, कैपिटल हिंद फाइनेंस एंड जीआरडी मोटर्स तीस हजारी का मालिक हरपाल सिंह कोचर, भजनपुरा के न्यू शिव ऑटो का मालिक नदीम अहमद, डीलर मनोज कुमार, डीलर सतबीर तिवार, हरप्रीत सिंह, दीपक चावला, सुभाष चंद्र, बिट्टू चौधरी, अजीत कुमार, दलाल अनूप शर्मा, दीपक मेहम और रवि वर्मा के रूप में हुई है.
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