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मुख्यमंत्री निवास का 1 साल में आया 20 लाख से अधिक का बिजली बिल - सिविल लाइन्स

दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जो सरकारी निवास मिला है उस निवास का बिजली बिल बीते वित्त वर्ष यानि (2018-19) में 20 लाख रुपये से अधिक का आया है. यह खुलासा सूचना के अधिकार के जवाब में सामने आया.

मुख्यमंत्री निवास का 1 साल में आया 20 लाख से अधिक का बिजली बिल

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Published : Nov 6, 2019, 5:00 PM IST

नई दिल्ली:बिजली बिल हाफ और पानी बिल माफ का नारा देकर दिल्ली की सत्ता में आई अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई फैसले लिए. पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने का निर्णय लिया. तो वहीं साथ ही यह भी अपील की कि सरकार के इस फैसले से लोगों में बिजली खपत को लेकर जागरूकता बढ़ेगी वे बिजली कम इस्तेमाल करेंगे. ताकि उनका बिल कम आएगा. लेकिन जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही इसको लेकर संजीदा नहीं है.

20 लाख से अधिक का बिजली बिल

20 लाख से ज्यादा का बिल

दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जो सरकारी निवास मिला है उस निवास का बिजली बिल बीते वित्त वर्ष यानि (2018-19) में 20 लाख रुपये से अधिक का आया है. यह खुलासा सूचना के अधिकार के जवाब में सामने आया. मुख्यमंत्री का घर दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में है. वकील और आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग द्वारा मांगे गए सूचना के अधिकार के जवाब में दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने केजरीवाल के घर के बिजली के बिल की जानकारी दी है.

बिजली बिल
जवाब के अनुसार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के जिस हिस्से में वे स्वयं रहते हैं, उसका एक साल का बिजली बिल 18, 50,880 रुपये का बिल तो आवास के जिस हिस्से में कार्यालय बने हुए हैं उसका बिजली बिल 1 साल का 3,16,500 रुपये का आया है. वहीं , दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सरकारी सरकारी आवास का बिजली बिल 1,22,773 रुपये तो उनके कैंप ऑफिस का 5,09,032 रुपये का आया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बिजली बिल को लेकर प्रदेश भाजपा ने आप सरकार पर हमला किया है. प्रदेश भाजपा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर का बिजली बिल 20 लाख से अधिक का होना पड़ा हैरान करता है. मुख्यमंत्री और जो उपभोक्ताओं को कम बिजली इस्तेमाल करने की संदेश देती है, वही इसका पालन नहीं करती.

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