नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के डुसु चुनाव में एवीबीपी 3-1 से जीत दर्ज की और इस जीत में सबसे अहम रहा अध्यक्ष पद पर 19 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीतना.
'डूसू चुनाव का असर विधानसभा चुनाव पर' इस बार चुनाव कैंपेन में एवीबीपी के सह प्रभारी रहे बीजेपी दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने ईटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि किस तरह इस चुनाव का असर आने वाले दिल्ली विधानसभा में भी पड़ेगा.
1 लाख स्टूडेंट डालते हैं वोट
राजीव बब्बर ने कहा कि इस चुनाव में 1 लाख स्टूडेंट वोट डालते हैं और यही स्टूडेंट आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता की ओर ले कर जाएंगे. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का मूल मंत्र है, युवा को आगे लाना और जब युवा सशक्त होगा, समृद्ध होगा तो देश भी आगे बढ़ेगा. और देश में विकास भी होगा.
इस डूसू चुनाव में युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 4 में से 3 कैंडिडेट को भारी बहुमत से जीत दिलवाई. जिसमें से सबसे ज्यादा मतों से अध्यक्ष पद को एबीवीपी ने अपने नाम किया. उसके बाद उपाध्यक्ष और फिर संयुक्त सचिव के पद पर भी एबीवीपी के कैंडिडेट अच्छे मारजिंग से जीते.
'डूसू चुनाव का असर विधानसभा चुनाव पर'
राजीव बब्बर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो सीट एबीवीपी ने गंवाई है, उसका अंतर काफी कम रहा. लेकिन जो सीटें उन्होंने जीती है उसका अंतर काफी ज्यादा था. हालांकि, मात्र एक लाख युवा इस डूसू चुनाव में वोट डालते हैं. लेकिन यह युवा अपने घर में, अपने रिश्तेदार में, अपने समाज में एक महत्वपूर्ण योगदान करते हैं. इसलिए डूसू चुनाव का एक व्यापक असर आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पड़ेगा.
AAP की तरफ से नहीं था कोई उम्मीदवार
वैसे भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की AAP की तरफ से चुनाव मैदान में कोई नहीं था और उन्होंने 2 साल पहले ही हिम्मत हार ली थी. इसलिए आने वाले समय में दूर-दूर तक आम आदमी पार्टी का कोई चांस नहीं दिख रहा है.