नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 22 सितंबर को होने हैं. चुनाव का प्रचार गुरुवार सुबह 8:30 बजे के बाद थम जाएगा. इसके बाद प्रत्याशी प्रचार नहीं कर पाएंगे. बुधवार को डूसू चुनाव के लिए प्रचार का अहम दिन था. ऐसे में सभी छात्र संगठनों ने कालेजों में प्रचार के दौरान अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हर संगठन अपनी जीत का दावा कर रहा है. लेकिन देखा जाए तो डूसू चुनाव में ABVP का वर्चस्व रहा है. ABVP ने 10 साल में सात बार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है. लेकिन इसबार सभी सगठन पूरी ताकत से लड़ रहे हैं. बुधवार को प्रचार के दौरान प्रत्याशी शक्ति प्रदर्शन कर अपने पक्ष में माहौल बनाने में लगे रहे. उनके साथ गाडियों का लंबा काफिला और सैकड़ों की संख्या में नारेबाजी करते समर्थक दिखाई दिए. इस बार मुकाबला एनएसयूआइ और अभाविप के बीच ही देखने को मिल रहा है.
सोशल मीडिया पर आज दिन भर चलेगा कैंपेन:आज भले ही चुनाव प्रचार थम जाएगा. छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवार ऑफलाइन मोड में कॉलेज जाकर अपने समर्थन में वोट नहीं मांग सकेंगे. लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए सभी संगठन सोशल मीडिया पर इसका जोरदार प्रचार करेंगे. क्योंकि, इसके बाद डीयू में पढ़ने वाले छात्र अपने वोट की चोट से तय करेंगे कि इस चुनाव में किस संगठन की जीत हो रही है और किसकी हार.
21 को कॉलेज में पहुंचाई जाएगी ईवीएम:चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो इसको लेकर डीयू प्रशासन ने गंभीर है. 21 सितंबर को ईवीएम कॉलेज को पहुंचाई जाएगी. ईवीएम की सुरक्षा का जिम्मा कॉलेज प्रशासन पर होगी. 22 सितंबर को दो पाली में चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम को छात्र प्रतिनिधियों और चुनाव अधिकारी की उपस्थिति में बक्सों में सील कर दिया जाएगा और दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में विश्वविद्यालय स्टेडियम के मल्टीपर्पज हॉल में भेज दिया जाएगा. 23 सितंबर को वोटों की गिनती होगी.
नए छात्र अपने साथ आधार कार्ड रखे:डीयू में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में दाखिला ले चुके छात्र भी डूसू चुनाव में वोटिंग करेंगे. हालांकि, नए छात्रों को कई कॉलेज के द्वारा अभी तक आई कार्ड नहीं दिया गया है. ऐसे में नए छात्र अपनी फीस की रसीद के साथ वोट दे सकेंगे. इसके लिए उनको अपने साथ एक पहचान पत्र, आधार कार्ड साथ में रखना होगा. छात्र संघ चुनाव में 52 कॉलेज हिस्सा लेंगे. इन कॉलेज में इस बार 1.5 लाख वोटर चुनाव में वोट देंगे. इस चुनाव में यह दूसरी बार हो रहा है जब 1.50 लाख वोटर में 90 फीसदी वोटर फर्स्ट टाइम वोट करेंगे.
पिछले 10 वर्षों में जीते अध्यक्ष पद के उम्मीदवार:छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई पर एबीवीपी का पलड़ा हमेशा से भारी रहा है. गत चुनावों के आंकड़े इसकी हकीकत बयां करते हैं. गत 10 वर्षो का चुनाव देखे तो पता चलता है कि 7 बार एबीवीपी ने चुनाव जीता तो महज तीन बार एनएसयूआई ने जीत हासिल की है.
साल | नाम | संगठन |
2010 | जितेंद्र चौधरी | ABVP |
2011 | अजय चिकारा | NSUI |
2012 | अरुण हुड्डा | NSUI |
2013 | अमन अवाना | ABVP |
2014 | मोहित नागर | ABVP |
2015 | सतेंद्र अवाना | ABVP |
2016 | अमित तंवर | ABVP |
2017 | राकी तुसीद | NSUI |
2018 | अंकिव बैसोया | ABVP |
2019 | अक्षित दहिया | ABVP |
डूसू चुनाव में ABVP के उम्मीदवार
ABVP से चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए तुषार डेढ़ा
उपाध्यक्ष पद के लिए शुशांत धनकर
सचिव के लिए अपराजिता
ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए सचिन बैसला
डूसू चुनाव में आइसा के उम्मीदवार