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DUSU Election 2023: डीयू छात्रसंघ के चुनाव में हॉस्टल, फीस, कैंटीन रहेंगे मुख्य मुद्दे - Student union elections were held in 2019

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में हॉस्टल, कैंटीन, फीस, सुरक्षा व साफ-सफाई मुख्य मुद्दे रहने की संभावना है. डीयू में चार साल बाद छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 28, 2023, 11:38 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) में चार साल बाद छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं. इससे डीयू में पढ़ने वाले छात्रों को उम्मीद है कि चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधि उनकी समस्या को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने उठाएंगे. बीते चार साल में छात्र संघ चुनाव नहीं होने से उनकी समस्याएं कॉलेज प्रशासन तक नहीं पहुंच सकीं. इससे पहले साल 2019 में छात्रसंघ के चुनाव हुए थे. चुनाव में एबीवीपी ने तीन और एक एनएसयूआई ने सीट जीती थी. एबीवीपी से अक्षित दहिया अध्यक्ष बने थे.

इसके बाद कोरोना महामारी आई जिसके चलते लंबे समय तक कॉलेज बंद रहे. जिस वजह से छात्र संघ के चुनाव नहीं हो सके. हालांकि, अध्यक्ष होने के नाते अक्षित दहिया का कार्यकाल एक साल का था लेकिन चुनाव ना होने के चलते वही अध्यक्ष रहे. लेकिन सारी शक्तियां डीयू के वीसी के पास थीं. इसलिए छात्रों की समस्या जैसी की तैसी रही.

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हालांकि, अब चुनाव दोबारा होने हैं और एबीवीपी सोमवार से प्री-कैंपेन शुरू कर अपने कार्यों और इस चुनाव में उनके कौन-कौन से मुद्दे होंगे, इससे छात्रों को अवगत कराएगी. इस बार भी डीयू के छात्रसंघ के चुनाव में हॉस्टल, फीस, कैंटीन, साफ-सफाई और सुरक्षा मुख्य मुद्दे होंगे.


क्या कहते हैं छात्र
डीयू के हिंदी विभाग से स्नातक की पढ़ाई कर रहे अमन ने बताया कि हमें खुशी है कि छात्र संघ का चुनाव हो रहा है. अब हमारी समस्याओं को प्रशासन के सामने रखने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिनों में कॉलेज के पंखे ठीक से नहीं चलते. कई क्लासेस में पंखे खराब हैं, उन्हें जल्द बदलने की जरूरत है. साथ ही वाटर कूलर लगाने की जरूरत है.

हिंदू कॉलेज के तृतीय वर्ष के छात्र संदीप कहते हैं कि हॉस्टल बड़ी समस्या है. चूंकि कुछ कॉलेजों में ही हॉस्टल की सुविधा है. लेकिन सीट कम रहने के चलते छात्रों को सीट नहीं मिल पाती है. जिसके चलते उन्हें बाहर प्राइवेट पीजी में रहना पड़ता है. अगर डीयू के कॉलेजों में हॉस्टल बनाए जाएं तो यह समस्या दूर हो सकेगी.

रामजस कॉलेज के दूसरे वर्ष के छात्र कहते हैं कि कैंटीन के खाने की गुणवत्ता ठीक होनी चाहिए. साथ ही कैंटीन के खाने में जो फीस हमसे ली जा रही है. उसमें छूट मिलनी चाहिए. गार्गी कॉलेज में पढ़ने वाली दीपा ने बताया कि कॉलेज में सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है. हाल में हुई घटनाएं इसका सबूत हैं. उन्होंने बताया कि जब भी कॉलेज में कोई फेस्टिवल होता है बाहरी लोग आ जाते हैं. इसलिए यहां पर पुलिस पेट्रोलिंग होनी चाहिए.

एनएसयूआई के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कुणाल सेहरावत बताते हैं कि हम इस बार हॉस्टल, डीयू के कॉलेजों में बस की सुविधाएं और मेट्रो में छात्रों को टिकट में रियायत देने जैसे मुद्दों के साथ मैदान में उतरेंगे.

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