नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने अपनी वार्षिक और रेजिडेंशियल फीस में नौ फीसदी की बढ़ोतरी की है. इस मामले को लेकर कॉलेज के शिक्षकों ने विरोध किया हैं. वहीं फीस में बढ़ोतरी को लेकर शिक्षकों का कहना है कि कॉलेज एक ट्रस्ट के द्वारा संचालित किया जाता है. इसकी फीस भी पहले से ही ज्यादा है. तो अब फीस बढ़ा कर छात्रों पर बोझ क्यों डाला जा रहा हैं?
दाखिले की फीस में 3-4 हजार की बढ़ोतरी
बता दें कि स्टीफेंस कॉलेज ने सत्र 2019-2020 में दाखिला लेने वाले छात्रों पर बोझ डालते हुए फीस में इजाफा किया है. जिसके तहत ह्यूमैनिटीज और बीए प्रोग्राम की वार्षिक फीस 40,420 रुपए कर दी गई है. जो पिछले साल 37,920 रुपए थी.
वहीं फिजिक्स, केमिस्ट्री और बीएससी प्रोग्राम की फीस 40,335 रुपए से बढ़कर 42,835 रुपए हो गई है. इसके अलावा गणित ऑनर्स के लिए जहां छात्र 38,280 रुपए रुपये देते थे, वहीं इस सत्र से उन्हें 40,780 रुपये देने होंगे.
रेजिडेंशियल फीस में सात हजार तक की बढ़ोतरी
वहीं कॉलेज फीस के अलावा रेजिडेंशियल फीस में भी बढ़ोतरी की गई है, जिसके चलते रेजिडेंशियल फीस 54,550 रुपए से बढ़ाकर 60 हज़ार रुपये कर दी गई है. इस मामले को लेकर सेंट स्टीफेंस के एक शिक्षक ने कहा कि मार्च में कॉलेज गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में सभी शिक्षकों ने फीस बढ़ाए जाने का विरोध किया था.
मीटिंग में शिक्षकों का कहना था कि कॉलेज में 95 फीसदी फंड यूजीसी द्वारा आता है और सिर्फ 5 फीसदी फंड ही ट्रस्ट को देना होता है. ऐसे में हर साल इस कॉलेज की फीस में इजाफा किया जाता है, जिससे बड़ा सवाल उठता है कि ट्रस्ट अपनी तरफ से कॉलेज फंड में कितना योगदान देता है.
दूसरे कॉलेजों की फीस कम है
वहीं एक अन्य शिक्षक ने कहा कि कॉलेज में कई सर्टिफिकेट कोर्स और विभिन्न भाषाओं में डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं. सवाल है कि उनसे जो पैसा कॉलेज को मिलता है वो कहां जाता है? शिक्षकों का कहना है कि सभी कॉलेजों की फीस हमारे कॉलेज के मुकाबले काफी कम है. ऐसे में कॉलेज की फीस क्यों बढ़ाई जा रही है?
बता दें कि सेंट स्टीफेंस कॉलेज दस स्नातक कोर्सेज करवाता है, ऐसे में फीस में हुई बढ़ोतरी के बाद छात्रों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.