नई दिल्ली: देशभर में ग्रीन मेट्रो सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एक सेमिनार का आयोजन मेट्रो भवन में डीएमआरसी की तरफ से किया गया. इसमें ग्रीन मेट्रो सिस्टम को लेकर चर्चा की गई ताकि देश में ट्रांसपोर्ट सिस्टम को इस तरीके से बनाया जाए जिससे प्रदूषण कम हो सके. इस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह को ग्रीन मेट्रो मैन की उपाधि से भी सम्मानित किया गया.
डीएमआरसी ने शुक्रवार को कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री और इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के साथ मिलकर ग्रीन मेट्रो सिस्टम पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इसमें कई सेशन आयोजित किए गए जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि किस तरीके से देश में पर्यावरण को बचाने के लिए ट्रांसपोर्ट का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है.
डीएमआरसी ने किए बेहतर कार्यइस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ मंगू सिंह ने कहा कि जिस तरीके से शहरी क्षेत्र बढ़ रहे हैं उसी तरीके से वहां ट्रांसपोर्ट भी बढ़ाना पड़ेगा. इसे ध्यान में रखते हुए काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि जहां मेट्रो से सफर करने में एक यात्री पर एक यूनिट पॉवर खर्च होती है, तो वहीं कार का इस्तेमाल करने में यह सफर 22 यूनिट में पूरा होगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक मेट्रो में के फेरे में लगभग आधे घंटे का समय बचता है. इसके अलावा ईंधन- एनर्जी की बचत एवं सड़क हादसों में कमी भी मेट्रो से आई है. उन्होंने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि ट्रांसपोर्ट उपलब्ध ना होने की वजह से प्रत्येक वर्ष बड़ी रकम का नुकसान देश में हो रहा है.
'डीएमआरसी बिजली खपत को कम कर रहा'प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने बताया कि डीएमआरसी लगातार मेट्रो में एनर्जी बचाने का काम कर रहा है. पहले फेज में जो मेट्रो के कोच आए थे उनसे बहुत ही बेहतर किस्म के कोच तीसरे फेज में लिए गए हैं. पहले के कोच के मुकाबले अब के कोच 60 फ़ीसदी कम बिजली खपत पर चलते हैं. स्टेशन पर भी बिजली की बचत की जा रही है. इसके अलावा डीएमआरसी सोलर पावर से बिजली लेकर अपना काम चलाता है जिसकी वजह से भी कार्बन कम उत्सर्जित होता है.
ग्रीन मेट्रो मैन का मिला सम्मानइस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ मंगू सिंह को आईजीबीसी की तरफ से ग्रीन मेट्रो मैन का अवार्ड दिया गया. यह सम्मान उन्हें मेट्रो में किये गए उनके योगदान के लिए दिया गया है.