नई दिल्लीःनई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर लगातार चर्चा की जा रही है. इसी कड़ी में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक ऑनलाइन कार्यशाला में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर चर्चा की गई. जिसमें कहा गया कि सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए जल्द ही देश के प्रमुख शिक्षाविदों के नेतृत्व में एक समिति का गठन करें.
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर की चर्चा इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख प्रो. अनिरुद्ध देशपांडे ने कहा की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति समाज को आगे ले जाने का चिंतन है. साथ ही शैक्षणिक संस्थानों को सामाजिक दायित्व का बोध कराने वाली यह नीति है.
कार्यशाला में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव डॉ. पंकज मित्तल और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव डॉ. वीके मल्होत्रा सहित कई केंद्रीय संस्थानों के प्रमुख, आईआईटी के कुलपति, निर्देशक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इसमें देश के 30 प्रांतों से न्यास के 350 से अधिक वरिष्ठ कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे.
नई शिक्षा नीति के सभी पहलुओं पर हुई चर्चा
सभी वरिष्ठ अधिकारी और प्रोफेसरों ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा की. सभी अधिकारियों ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जल्द काम शुरू किया जाना चाहिए. इसके लिए जल्द ही एक समिति का गठन केंद्र सरकार करें. क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को फाइलों से निकालकर वास्तविक धरातल पर लाना भी हर एक भारतीय का कर्तव्य है. जिससे कि शिक्षा नीति हर मन से हर जन तक पहुंचे और शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण और सकारात्मक परिवर्तन हो सकें.