नई दिल्ली: मुंडका फैक्ट्री अग्निकांड को लगभग 2 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक इस अग्निकांड के आश्रितों को मुआवजा नहीं मिल सका है. इससे उनको बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले के पीड़ित वर्क मैन एक्ट के तहत भी कंपनसेशन के हकदार हैं, जबकि इतने दिन बीत जाने के बाद भी दिल्ली सरकार की तरफ से कुछ एक लोगों को ही मुआवजे की राशि के कुछ पैसे ही मिल सके हैं जबकि ज्यादातर लोगों को अब तक कोई सहायता नहीं मिली है.
इस हादसे की शिकार मधु देवी के पति अमित कुमार सिंह ने बताया की बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी देखभाल के लिए उन्हें पैसों की सख्त जरूरत है. उनकी पत्नी बच्चों का ख्याल रखने के साथ ही घर के खर्चों में भी उनका हाथ बटाती थी. लेकिन हादसे में पत्नी की मौत के बाद उन्हें घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें घर जल्दी आना पड़ता है जिस वजह से वह सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं और उनकी कमाई पर भी असर पड़ रहा है.
उन्होंने बताया की जिला अधिकारी और लेबर ऑफिसर से कई बार मुलाकात के बाद 7 जुलाई को उनके बैंक अकाउंट में मुआवजे की रकम से 1 लाख रुपये भेजे गए. जबकि केजरीवाल सरकार ने 10 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की थी. बताया अधिकारियों का कहना है कि बाकी पैसे जल्द ही उनके बैंक अकाउंट में पहुंच जाएंगे.
एक पीड़ित ने बताया की मंगलवार को ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि लेबर कमिश्नर से मिले जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्दी मुआवजे की रकम उनको मिल जाएगी. अमित की तरह ही विश्वजीत की पत्नी यशोदा भी फैक्ट्री में काम करती थीं. जिनकी हादसे में मौत हो गई. उनके भी छोटे-छोटे बच्चे हैं. विश्वजीत, अलवर के चारकोल पाउडर फैक्ट्री में काम करते हैं और बच्चों को भी वहीं ले जाना चाहते हैं, लेकिन मुआवजा मिलने में विलंब की वजह से बार-बार उन्हें अलवर से दिल्ली आना पड़ता है. जिसके कारण वह ना तो सही तरीके से काम कर पा रहे हैं और ना ही बच्चों के लिए समय निकाल पा रहे हैं.