नई दिल्ली:पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह 1925 के सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन करने जा रहे हैं. इसके विरोध में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने इस घोषणा की कड़ी आलोचना करते हुए इसे फर्जी बताया है. सरना ने इस बात पर जोर दिया कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन केवल राष्ट्रीय संसद में ही किए जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन लाने का मान का दावा पूरी तरह से फर्जी है. इस तरह के संशोधन राष्ट्रीय संसद के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, और राज्य विधानसभा के लिए ऐसे प्रस्तावों पर विचार करना बेहद अनुचित है. यह केवल पंजाबियों को गुमराह करने और एक को दूसरे के खिलाफ करने का काम भी हो सकता है.
सिख धार्मिक क्षेत्र पर नियंत्रण करना चाहते मान:इसके अलावा सरना ने जोर देकर कहा कि मान का प्रस्ताव सिख धार्मिक क्षेत्र पर नियंत्रण करने के खतरनाक इरादे को दर्शाता है, एक ऐसा कदम जिसे पंथ स्वीकार नहीं करेगा. मान के प्रस्ताव के संभावित परिणामों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने एसजीपीसी प्रबंधन में सहजधारियों को शामिल करने के उद्देश्य से एक खतरनाक ड्राई रन के खिलाफ चेतावनी दी.