नई दिल्ली:सिंघु बॉर्डर सहित कई अन्य बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसान संगठनों ने संसद सत्र के दौरान संसद के सामने प्रदर्शन करने की घोषणा की थी. लेकिन दिल्ली दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद आज फिर इस मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के बीच सिंघु बॉर्डर पर एक मीटिंग हुई.
दूसरी बैठक भी बेनतीजा, किसानों को नहीं मिली संसद के सामने प्रदर्शन की अनुमति
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने संसद सत्र के दौरान संसद के सामने प्रदर्शन करने की घोषणा की थी. लेकिन दिल्ली दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद आज फिर संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के बीच सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई, लेकिन संसद के सामने प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिली, बल्कि पुलिस ने किसी और जगह प्रदर्शन करने का सुझाव दिया है.
बैठक में पुलिस की तरफ से साफ कर दिया गया कि दिल्ली के अंदर किसानों को किसी भी तरीके के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. पुलिस की तरफ से सुझाव भी दिया गया है कि संसद के अलावा किसी अन्य जगह पर किसान संगठन विचार कर सकते हैं.
सिंघु बॉर्डर के पास डीसीपी राजीव रंजन और पुलिस के आला अधिकारी किसानों के साथ बैठक करने के लिए पहुंचे थे. जहां किसान संगठनों की तरफ से 7 नेता पहुंचे और करीब 2 घंटे तक यह बैठक चली. पुलिस ने कोविड-19 नियमो का हवाला देते हुए संसद के सामने प्रदर्शन नहीं करने पर अनुरोध किया.
पुलिस ने किसानों को दिल्ली में यमुना पार किसी अन्य जगह पर भी विचार करने के लिए कहा है. दिल्ली में 26 जनवरी को हुए हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस खास तौर पर सतर्कता बरत रही है. यही वजह है कि किसानों को किसी भी तरीके के प्रदर्शन की अनुमति देने से पुलिस अधिकारियों की तरफ से साफ इनकार किया गया है.